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झाबुआ3 दिन पहले
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मुनि भगवंत की अनुमोदना करते श्री संघ के सदस्य एवं तपस्वी।
- श्री गौड़ी पार्श्वनाथ तीर्थेंद्र धाम पर पारणे के साथ हुआ पंच कल्याणक महोत्सव का समापन
गौड़ी पार्श्वनाथ तीर्थेंद्र धाम पर मनाए जा रहे प्रभु श्री पार्श्वनाथ का पंच कल्याणक महोेत्सव का समापन तपस्वियों के पारणे के साथ हुआ। अंतिम दिन अट्ठम तप के 50 तपस्वियों को चांदी के सिक्के देकर बहुमान किया।
महोत्सव में आचार्यश्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी, मुनिश्री चंद्रयश विजयजी, पुष्पेंद्र विजयजी, जिनचंद्र विजयजी व जीतचंद्र विजयजी ने निश्रा प्रदान की। शनिवार को तपस्वियों के पारणे के पूर्व मुनि भगवंत ने समस्त तपस्वियों से सुखसाता पूछते हुए तक की अनुमोदना की। मुनिमंडल के पारणे च पच्क्रवान के बाद तपस्वियों के पारणे श्रीसंघ ने लाभार्थी परिवार के सहयोग से करवाए। तपस्वियों के पारणे का लाभ अनिल, सुनिल राठौर परिवार और श्यामुबाई रतनलाल रुनवाल परिवार ने लिया। तपस्वियों के पारणे के बाद तपस्वियों का बहुमान तीर्थेंद्रसूरी समिति ने किया। संतोष नाकोड़ा परिवार एवं संजय नगीनलाल कांठी परिवार ने सभी 50 तपस्वी अट्ठम तप के तपस्वियों को 10 ग्राम चांदी के सिक्के, श्रीफल एवं तिलक माला से बहुमान किया।
आयोजक श्रीसंघ व श्री गौड़ी पार्श्वनाथ समिति की ओर से महोत्सव में श्री आदेश्वर भगवान की पूजन के लाभार्थी अशोक राठौर परिवार का पौ दशमी पर श्री पार्श्व जन्म कल्याणक पूजन के लाभार्थी चंद्रकांता, धनराज, अंतिम, गौरव एवं जीवनबाला जैन पोरवाल एवं दादा गुरुदेव की पूजन के लाभार्थी मनोहर मोदी ने वीर बाबजी भक्त मंडल परिवार का बहुमान किया।
मुमुक्ष अभिषेक हरण का बहुमान : मुनिश्री चंद्रयश विजयजी मुमुक्ष अभिषेक के दीक्षा के भाव की अनुमोदना की। उन्होंने कहा जब आत्मा में संसार के सभी सुखों से मोह भंग होकर अपने भव को तारने की भावना जागृत होती है। तभी दीक्षा के भाव आते हैं। उन्होंने बताया दीक्षा लेना आसान है पर इसे पालना मुश्किल है। ऐसे वक्त हमारा दृढ़ मनोबल ही हमारा मार्ग प्रशस्त करता है। मुमुक्ष भाई का सम्मान जैन श्रीसंघ, श्री गौड़ी पार्श्वनाथ समिति, सिरोही संघ, महावीर बाग व कई धार्मिक संगठनों की ओर से किया।