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शिवपुरी3 दिन पहले
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- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यवहारिक पहलुओं पर वेबिनार में पीजी कॉलेज हुआ शामिल
समाज में बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर जो उदासीनता है इस दिशा में हमें जागरूकता और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने के प्रयासों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। यदि हम ऐसा करते है तो अपने बौद्धिक संपदा अधिकारों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। यह बात बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यवहारिक पहलुओं पर आयोजित हुए नेशनल वेबिनार में उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर चंद्रशेखर वालिम्बे ने कही। इस दौरान पीजी कॉलेज भी वेबिनार में शामिल हुआ।
उन्होंने कहा कि आईपीआर एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसका देश में लोगों पर व्यापक स्तर पर प्रभाव हो रहा है। इसका मुख्य कारण वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था और देश में आर्थिक गतिविधियों का उत्तरोत्तर विकास की ओर अग्रसर होना है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर से असिस्टेंट प्रोफेसर अनुजा मिश्रा ने कहा समाज को जागरूक होने की जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में पेटेंट एटॉर्नी एडवोकेट शाश्वत परिहार ने पटना बिहार से नेशनल वेबिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए पेटेंट की मूलभूत समस्याओं के निदान से जुड़े कई व्यवहारिक पहलुओं को रेखांकित किया।
नेशनल वेबिनार की आयोजन समिति में संरक्षक प्राचार्य प्रो.महेंद्र कुमार, संयोजक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. पवन श्रीवास्तव, कॉमर्स के सीनियर प्रो. डॉ. जीपी शर्मा, कॉमर्स के डॉ. यूसी गुप्ता, अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. पल्लवी शर्मा, आयोजन सचिव विधि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार रहे। नेशनल वेबिनार के वर्चुअल संचालन दायित्व डॉ. पल्लवी शर्मा ने निभाया। स्वागत भाषण प्रोफेसर पवन श्रीवास्तव ने दिया। प्राचार्य प्रो. महेन्द्र कुमार ने वेबिनार में समापन भाषण दिया।
लोकल के प्रति वोकल होने की जरूरत: डॉ. शुक्ला
व्याख्यान में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के अर्थशास्त्र के डीन डॉ. एसके शुक्ला ने लोकल के प्रति वोकल होने की अपील कर बासमती चावल, बीकानेरी भुजिया, कोल्हापुरी चप्पल, बनारस का लंगड़ा आम, लद्दाख की पश्मीना ऊन का उदाहरण देकर इस संबंध में अपने ही उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने को कही।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी महाराष्ट्र नागपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वीपी तिवारी ने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को कानूनी अधिकारों के साथ संयोजित करते हुए बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के महत्व पर विस्तार से व्याख्यान दिया।