Cricket के मैदान पर पहले भी कई बार हो चुकी हैं नस्लभेदी बातें

Cricket के मैदान पर पहले भी कई बार हो चुकी हैं नस्लभेदी बातें


क्रिकेट को भद्रजनों का खेल (Gentleman’s Game) कहा जाता है. जाहिर है इस खेल में किसी भी तरह की अभद्रता के लिए कोई जगह नहीं है. अभद्रता चाहे मैदान पर खेल का हिस्सा रहे खिलाड़ियों की तरफ से हो या दर्शकों की तरफ से. ऐसे किसी भी कृत्य के लिए उक्त व्यक्ति को यदि दंडित ना किया जाए तो खेल की भावना को चोट पहुंचती है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे तीसरे टेस्ट मैच (India vs Australia 3rd Test Match) के दौरान भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद सिराज (Mohammad Siraj) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) के साथ जिस तरह की नस्लभेदी टिप्पणी (Racial abuse) की गई, उससे निसंदेह खेल की साख पर बट्टा लगा है. ऑस्ट्रेलियाई टीम विरोधी खिलाड़ियों के खिलाफ छींटाकशी के लिए हमेशा से बदनाम रही है. लेकिन इस बार टीम के किसी खिलाड़ी ने नहीं, बल्कि दर्शकों की तरफ से खेल की भावना को ठेस पहुंची है.

क्या करे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया

इस मामले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को अपने पड़ोसी देश न्यूजीलैंड के क्रिकेट बोर्ड से सीख लेनी चाहिए. बात साल 2019 की है, किसी दर्शक ने इंग्लैड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. 28 वर्षीय क्रिकेट प्रशंसक ने अपने इस आचरण के लिए माफी भी मांग ली थी, लेकिन न्यूजीलैंड क्रिकेट ने उस दर्शक के अपने किसी भी स्टेडियम में आने पर प्रतिबंध लगा दिया.

मोइन अली को बताया ओसामा

इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोइन अली भी इस तरह की अभद्रता के शिकार हो चुके हैं. साल 2015 में इंग्लैंड के कार्डिफ में एशेज टेस्ट के दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने मोइन अली के लिए ओसामा नाम का संबोधन किया था. मोइन अली ने एक किताब में इस बात का जिक्र किया है. बता दें कि ओसामा बिन लादेन अलकायदा का खूंखार आतंकी था, जिसे अमेरिका ने साल 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था.

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सरफराज ने फेलुक्वायो को कहा, अबे काले, तेरी…

बात साल 2019 की है, जब सरफराज अहमद पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान और विकेटकीपर थे. जनवरी का महीना था और पाकिस्तान टीम डरबन में सीरीज का दूसरा वनडे मैच खेल रही थी. इस दौरान बैटिंग कर रहे दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी फेलुक्वायो के खिलाफ सरफराज ने विकेट के पीछे के अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा – अबे काले, तेरी…

सरफराज की यह टिप्पणी स्टंप माइक के जरिए सार्वजनिक हो गई. इसके बाद जब उनकी इस अभद्रता पर बवाल हुआ तो सरफराज ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए फेलुक्वायो से माफी मांग ली. उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया कि उन्होंने अपने इस व्यवहार के लिए फेलुक्वायो से माफी मांग ली है और दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने उन्हें माफ कर दिया है.

मंकी गेट कांड

क्रिकेट में नस्लीय टिप्पणी की जब भी बात होती है, सबसे पहले इसी मंकीगेट कांड का नाम सामने आता है. बात साल 2008 में भारत के मशहूर ऑस्ट्रेलिया दौरे की है. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के विशाल स्कोर के बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही थी. इस बीच हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड के बीच बहस हो गई. एंड्रयू साइमंड और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि हरभजन ने साइमंड को मंकी कहा.

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ऑस्ट्रेलिया ने इसे हरभजन की ओर से नस्लभेदी टिप्पणी करार दिया और इस मुद्दे को लेकर जमकर बवाल भी हुआ. मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने कहा, ‘सिर्फ एक टीम खेल भावना के साथ क्रिकेट खेल रही थी.’ उनका इशारा साफ था कि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेल भावना की धज्जियां उड़ाई गई थी. इस मैच में अंपायर स्टीव बकनर ने कई ऐसे निर्णय दिए, जिन्हें बेहत घटिया दर्जे की अंपायरिंग कहा जाएगा.





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