मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj), नवदीप सैनी (Navdeep Saini), टी. नटराजन (T Natarajan). तेज़ गेंदबाज़ों की ये तिकड़ी इत्तेफाक से भारत के तीन अलग-अलग राज्यों से आती है. इनके संघर्ष और अब तक की कामयाबी की कहानी बचपन में बिछड़े मनमोहन देसाई निर्देशित 80 के दशक वाली बेहद मशहूर फिल्म के तीन भाईयों (अमर अकबर एंथोनी) की ही तरह है.
Source: News18Hindi
Last updated on: January 14, 2021, 9:50 PM IST
अगर 26 साल के मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj), 28 साल के नवदीप सैनी (Navdeep Saini) और 29 साल के टी. नटराजन (T Natarajan) के करियर में कोई एक सबसे बड़ी समानता है तो वो है टेनिस बॉल क्रिकेट से इनका लगाव. तीनों ही युवा गेंदबाज़ ऐसे परिवारों से आते हैं जिनके लिए क्रिकेट का बल्ला खरीदना ही अपने बच्चों के लिए उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट साबित होता. शायद यही वजह है कि इन तीनों ने खर्चीला रास्ता ना अपनाकर यानि कि बल्लेबाज़ ना बनने की सोचकर गेंदबाज़ी को अपना मिशन बनाया.
अगर हैदराबाद के सिराज के लिए क्रिकेट के मैदान पर हर मैच, हर फॉर्मेट, हर विकेट, और हर स्पैल उनके लिए एक बोनस है तो यही बात तो करनाल के सैनी और सालेम के नटराजन के लिए भी सही है. 2017 में जब एक ऑटो चलाने वाले इंसान के बेटे को आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से जब 2.6 करोड़ का कांट्रैक्ट मिला तो क्रिकेट ने उसी दिन सिराज और उनके परिवार का जीवन आर्थिक तौर पर धन्य कर दिया. सैनी भी हरियाणा में गांव-गांव जाकर कुछ रुपये के लिए टूर्नामेंट खेला करते थे और 2019 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से उन्हें 3 करोड़ का करार मिला. जबकि नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे और उनकी मां सड़क के किनारे चिकन बेचा करती थी. लेकिन, सिराज और सैनी की ज़िंदगी की ही तरह इस खिलाड़ी की ज़िंदगी भी आईपीएल ने बदल डाली जब किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में 3 करोड़ खर्च करके टीम में शामिल किया था.
तीनों के लिए एक मेंटोर ने की मददनटराजन की प्रतिभा को उनके आदर्श जयप्रकाश नट्टू ने पहचाना और सालेम गांव से बाहर निकालकर चेन्नई ले आए, पहली बार तमिलनाडू प्रीमियर लीग में उन्हें मौका दिलवाया. सैनी को दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ सुनील नरवाल ने उन्हें हरियाणा से बाहर लाकर गौतम गंभीर जैसे गुरु के सामने पेश कर दिया. वहीं सिराज को मौजूदा टीम इंडिया के बॉलिंग कोच भरत अरुण ने ज़बरदस्त मदद की जब वो हैदराबाद के रणजी कोच हुआ करते थे.
अपने मददगार को नहीं भूलते हैं तीनों
कामयाबी और मशहूरी के बावजूद नटराजन उन लोगों को बिल्कुल नहीं भूलते हैं जिन्होंने बुरे वक्त में उनका साथ दिया. इसलिए उनकी आईपीएल जर्सी में “JP Nattu” सम्मान में लिखा आपको दिखा तो हर दिन सैनी ये कहते नहीं थकते कि अगर ‘गंभीर भैया’ ना होते तो वो इस मुकाम पर कभी नहीं पहुंच पाते. सिराज भी हर इंटरव्यू में भरत अरुण के प्रति अपना आभार व्यक्त करने में कभी नहीं हिचकिचाते हैं.तिकड़ी के लिए आईपीएल हुआ टर्निंग प्वांइट
अगर भुवनेश्वर कुमार और ईशांत शर्मा आईपीएल 2020 के दौरान चोटिल ना हुए होते ना तो सैनी और ना ही सिराज को ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ के लिए मौका मिलता. ठीक उसी तरह अगर उमेश यादव अनफिट होकर टीम से बाहर ना होते तो नटराजन को भी अपना दौरा टेस्ट सीरीज़ तक बढ़ाने का मौका नहीं मिलता. ख़ैर, नटराजन तो दौरे पर गए ही थे एक नेट्स बॉलर बनकर लेकिन उन्होंने पहले फिर सफेद गेंद से दोनों फॉर्मेट में डेब्यू भी कर लिया. अलग-अलग सीनियर तेज़ गेंदबाज़ों को फिटनेस की समस्या से जूझने के चलते इन तीनों को फायदा तो हुआ ही लेकिन जो सबसे अहम बात रही कि तीनों ने आईपीएल 2020 के दौरान अपनी रफ्तार और कौशल से चयनकर्ताओं, कोच और सबसे अहम कप्तान विराट कोहली को प्रभावित किया. अगर सिराज और सैनी को कोहली बैंगलोर में बेहद करीब से देख रहे थे तो नटराजन ने हैदराबाद के लिए इस बार जसप्रीत बुमराह वाली भूमिका निभायी और कोहली का भरोसा बिना उनकी टीम में खेले ही जीत लिया.
एक जैसे ही रहे हैं यादगार लम्हें
आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए खराब शुरुआत के बावजूद 17 ओवर के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का स्कोर था 5 विकेट के नुकसान पर 111 रन. इसके बावजूद RCB के लिए चमत्कार की उम्मीदें जिंदा थी क्योंकि क्रीज पर एबी डिविलियर्स जैसा बल्लेबाज अर्धशतक बनाकर मौजूद था और आखिरी 3 ओवर में उनका स्ट्राइक रेट पलक झपकते ही 200 से 300 पर पहुंच जाया करता है. उस IPL में भी ABD इसकी झलक एक नहीं कई मौकों पर दिखा चुके थे. लेकिन, इसके बाद नटराजन के 18वें ओवर में डिविलियर्स रन बनाने में जूझते दिखे. नटराजन ने ना सिर्फ डिविलियर्स को अपने मशहूर यार्कर्स के आगे बेबस किया बल्कि उन्हें क्लीन बोल्ड करके शायद टूर्नामेंट की सबसे लाजवाब गेंद भी डाल दी.
वहीं सिराज के लिए भी आईपीएल 2020 कम यादगार नहीं रहा था. लगातार 2 मेडन तो आईपीएल के इतिहास में कभी भी नहीं डाले गए, जबकि एक से एक महान गेंदबाज इस टूर्नामेंट में शिरकत कर चुके हैं. ऐसे में अगर कोई ये कहता कि किफायती गेंदबाजी का ये आंकड़ा उस खिलाड़ी के नाम होगा जिसने अपने आईपीएल करियर में करीब 10 रन (9.29) प्रति ओवर से रन लुटाए है तो आप यकीन ही नहीं करते. लेकिन, अपने स्विंग गेंदबाज़ी के लिए मददगार हालात में कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ एक ही स्पैल में सिराज ने दिखा दिया कि उनमें भरोसा दिखाया जा सकता है. आईपीएल के साथी खिलाड़ी सैनी ने भी अपनी रफ्तार और निर्णायक समय में लाजवाब गेंदबाज़ी करके हर किसी को अपना मुरीद बनाया.
तीनों को अब एक ही बात साबित करनी है कि..
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली शुरुआती कामयाबी को उन्हें भविष्य में और बेहतर करना है. उन्हें जयदेव उनादकट, पंकज सिंह, विनय कुमार, अभिमन्यु मिथुन और यहां तक प्रवीण कुमार की ही तरह आधे दर्जन टेस्ट भी भारत के लिए नहीं खेल पाए. अब तक के सफर में इन तीनों ने ये महसूस किया है कि एकाध शानदार स्पैल से सुर्खियां तो बटोरीं जा सकती है लेकिन बेहतरीन करियर के लिए लगातार अच्छे खेल की जरुरत पड़ती है. ऐसे में इन्हें कहीं दूर जाने की जरुरत नहीं बल्कि बुमराह-ईशांत-शमी-उमेश-भुवनेश्वर जैसे गेंदबाजों के खेल से प्रेरणा लेनी होगी जो आईपीएल के साथ साथ टीम इंडिया के लिए भी भरोसे का दूसरा नाम बनकर उभरें.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.)
विमल कुमार
न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.
First published: January 14, 2021, 9:50 PM IST