भारत ने चोटिल खिलाड़ियों की लंबी लिस्ट के बावजूद सिडनी में साहसिक प्रदर्शन करते हुए मैच ड्रॉ कराया. भारतीय क्रिकेटप्रेमी ब्रिस्बेन में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट मैच में भी अपनी टीम से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, भारतीय टीम की मुश्किलें यहां बढ़ गई हैं. उसके कई और खिलाड़ी चोटिल होकर टीम से बाहर हो चुके हैं.
भारत के सामने दूसरी चुनौती ब्रिस्बेन का रिकॉर्ड पेश कर रहा है. भारत ने यहां कभी भी टेस्ट मैच नहीं जीता है. ऑस्ट्रेलिया यहां 1988 के बाद से कभी नहीं हारा है. यानी, भारत को यहां जीतने के लिए कुछ वैसा ही प्रदर्शन करना होगा, जैसे उसके सामने एवरेस्ट है और उसे चोटी फतह करनी है.
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर अपना पहला ही टेस्ट मैच हार गई थी. उसने विदेश में पहला टेस्ट हारने के बाद कभी भी सीरीज नहीं जीती है. इस बार भारतीय टीम के पास यह रिकॉर्ड तोड़ने का मौका है. हालांकि, उसकी राह आसान नहीं दिख रही है. फिलहाल सीरीज तीन मैचों के बाद 1-1 की बराबरी पर है.
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भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने प्रदर्शन से चौंकाया है. वह एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में महज 36 रन पर आउट हो गई थी. उसी भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट मैच में सिडनी में चौथी पारी में 131 ओवर बैटिंग कर मैच ड्रॉ करा लिया. वह भी तब जब उसके कई खिलाड़ी चोटिल थे. भारत ने अगर वही हौसला दिखाया तो कोई आश्चर्य नहीं कि वह ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया को पटकनी दे दे. ये खबर आप न्यूज 18 में पढ़ रहे हैं. इसे विस्तार से सुनने के लिए हिंदी डॉट न्यूज18 डॉट कॉम के पॉडकास्ट पर जाएं.