आयकर विभाग की जांच में जेआरजी ग्रुप पर कई करोड़ से अधिक की आयकर चोरी का पता चला है.
शहर में व दिल्ली में हुए छापे में शुक्रवार को 13 करोड़ का और अघोषित लेन-देन सामने आया. इस तरह कुल आंकड़ा 182 करोड़ पर पहुंच गया.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 16, 2021, 7:58 AM IST
250 लोगों से ज्यादा नाम आ रहे सामने
आयकर विभाग को 250 से ज्यादा लोगों के नाम इन लेन-देन में मिले हैं. सौ से ज्यादा बैंक खातों की डिटेल, 12 बैंक लॉकर से कैश, ज्वेलरी और दस्तावेज लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि ग्रुप के साथ जमीन खरीदी में कई लोगों ने नंबर 2 में निवेश किया है. इन सभी को आयकर नोटिस दिया जाएगा.
फर्जी बिलों के खिलाफ सख्तीइधर, जीएसटी के बोगस बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वाले कारोबारियों पर अब दोहरी मुश्किल आ गई है।. टैक्स छूट तो जीएसटी विभाग वसूलता है और अब फर्जी बिल की राशि संबंधित करदाता की आय में जोड़कर पेनल्टी वसूली जाएगी. हालांकि इस संबंध में नियम 1 अप्रैल 2020 को लागू किया गया था, लेकिन सीबीडीटी ने इस नियम का स्पष्टीकरण अब जारी किया है. साथ ही सभी आयकर अधिकारियों को इसे लागू करने और पेनल्टी वसूलने का आदेश दिया है. इस नियम का मतलब है कि जीएसटी और आयकर विभाग मिलकर इसमें काम करेंगे. यदि छापे या जांच में किसी करदाता के पास एक लाख का फर्जी खरीदी का बिल मिलता है और इस पर 18 फीसदी की दर से 18 हजार का टैक्स लगाकर गलत क्रेडिट ली गई तो 18 हजार की क्रेडिट तो जीएसटी विभाग वसूलेगा ही, वहीं 1 लाख के फर्जी बिल की राशि करदाता से बतौर पेनल्टी वसूली जाएगी.