क्रुणाल-हार्दिक पंड्या को 100 रुपये की शर्त लगाकर पिता ने बनाया था ताबड़तोड़ बल्लेबाज, जानिए कैसे?

क्रुणाल-हार्दिक पंड्या को 100 रुपये की शर्त लगाकर पिता ने बनाया था ताबड़तोड़ बल्लेबाज, जानिए कैसे?


Krunal-Hardik Pandya Father Dies: क्रुणाल और हार्दिक पंड्या के पिता का निधन (साभार-इंस्टाग्राम)

क्रुणाल और हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya Father Died) के पिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    January 16, 2021, 11:25 AM IST

नई दिल्ली. एक पिता का अपने बच्चों को कामयाब बनाने में कितना अहम योगदान होता है इसका अंदाजा हार्दिक और क्रुणाल पंड्या की सफलता को देखकर लगाया जा सकता है. आज हार्दिक पंड्या और क्रुणाल भारत के टॉप ऑलराउंडर्स में से एक हैं. इन दोनों भाइयों को बड़ा क्रिकेटर बनाने के पीछे उनके पिता हिमांशु पंड्या (Hardik Pandya Father Died) का हाथ रहा, जिनका शनिवार को निधन हो गया. हिमांशु पंड्या दिल का दौरा पड़ने के बाद चल बसे.

हिमांशु पंड्या (Himanshu Pandya) अब नहीं रहे लेकिन वो अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद पूरा करके गए. हिमांशु पंड्या ने अपने दोनों बेटों को क्रिकेट की तालीम दिलवाई और इसके लिए उन्होंने कई त्याग किये. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हिमांशु पंड्या ने हार्दिक और क्रुणाल को क्रिकेटर बनाने के लिए शहर छोड़ा, रिश्तेदारों के तंज सहे और यहां तक कि उनकी बल्लेबाजी पर उन्होंने 100-100 रुपये की शर्त तक लगाई.

कैसे सूरत से वडोदरा पहुंचे क्रुणाल और हार्दिक पंड्या?
क्रिकबज को दिए एक इंटरव्यू में हिमांशु पंड्या ने बताया था कि उनका फर्श से अर्श तक पहुंचने का सफर बेहद कठिन रहा. उन्होंने कहा था, ‘हम सूरत में रहते थे और उस दौरान क्रुणाल महज 6 साल का था. मैं उन्हें घर के अंदर बॉलिंग कराता था और वो जबर्दस्त शॉट्स खेलते थे. उसकी बल्लेबाजी देख मुझे लगा कि ये अच्छा क्रिकेटर बन सकता है. इसके बाद मैं उन्हें सूरत के रांदेड़ जिमखाना में प्रैक्टिस के लिए ले गया, जहां एक मैच के दौरान पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे के मैनेजर ने उसे बल्लेबाजी करते देखा. इसके बाद मोरे के मैनेजर ने हमें वडोदरा आने के लिए कहा और मैं क्रुणाल को 15 दिन बाद वडोदरा ले गया, जहां उसकी प्रैक्टिस शुरू हुई.’

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हिमांशु पंड्या अपने बेटे क्रुणाल को वडोदरा में मैच खिलाने ले जाता थे. वो रोजाना 50 किमी. बाइक चलाते थे और अपने बेटे को ग्राउंड तक छोड़ते थे. यही नहीं हिमांशु पंड्या कॉलेज के लड़कों से 100-100 रुपये की शर्त लगाते थे. हिमांशु पंड्या ने बताया था, ‘मैं कॉलेज के लड़कों को कहता था कि जो मेरे बेटे को आउट करेगा मैं उसे 100 रुपये दूंगा लेकिन डेढ़-दो घंटे तक बल्लेबाजी के बावजूद कोई उसे आउट नहीं कर पाता था.’








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