Bhopal: प्यारे मियां केस- नहीं बची नींद की गोलियां खाने वाली नाबालिग, बालिका गृह की अधीक्षिका को हटाया

Bhopal: प्यारे मियां केस- नहीं बची नींद की गोलियां खाने वाली नाबालिग, बालिका गृह की अधीक्षिका को हटाया


प्यारे मियां केस- नहीं बची नींद की गोलियां खाने वाली नाबालिग.

पीड़िता ने बुधवार रात 10 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसकी पुष्टि हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक आईडी चौरसिया भी कर चुके हैं. बता दें, 2 दिन पहले बच्ची ने नींद की गोलियां खाई थीं.



  • Last Updated:
    January 21, 2021, 2:00 PM IST

भोपाल. राजधानी भोपाल के बहुचर्चित प्यारे मियां केस में पीड़ित नाबालिग बच्ची की मौत के बाद शासकीय बालिका गृह पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. मामले में लापरवाही के आरोप में बालिका गृह की अधीक्षका अंतोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया है. इक्का पर प्रताड़ना का आरोप लगा है.

गौरतलब है कि पीड़िता ने बुधवार रात 10 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसकी पुष्टि हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक आईडी चौरसिया भी कर चुके हैं. बता दें, 2 दिन पहले बच्ची ने नींद की गोलियां खाई थीं. सोमवार देर रात उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था. इसके बाद परिजनों ने बालिका गृह की अधीक्षका इक्का पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था और सवाल उठाया था कि आखिर नींद की गोलियां वहां पहुंची कैसे. गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में पोस्टमार्टम कराया गया. कड़ी सुरक्षा के लिए पुलिस छावनी बना दिया गया.

पीएम रिपोर्ट के बाद दर्ज होगा मामला

जानकारी के मुताबिक, प्यारे मियां मामले में फरियादी एक नाबालिग लड़की को संदिग्ध परिस्थितियों में सोमवार रात को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में एडमिट कराया था. अभी उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा. उसके बाद पुलिस मर्ग कायम करेगी.ये है पूरा मामला

प्यारे मियां यौन शोषण मामले में 5 फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनके से एक नाबालिग को नींद की गोलियां खा लेने के कारण सोमवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. सूचना मिलते ही नाबालिग के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए थे. उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए थे. पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी थी. इसमें एक अन्य नाबालिग लड़की के बयान भी लिए गए. जिसके बाद उसकी भी तबीयत खराब हो गई. उसे जेपी अस्पताल ले जाया गया. यहां पर तीन घंटे भर्ती करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.








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