परिजनों को बिना बताए पुलिस करना चाह रही थी नाबालिग का अंतिम संस्कार.
इस केस में गौर करने वाली ये है कि नाबालिग इस केस की न तो आरोपी थी और न ही अपराधी. वह केवल पीड़िता और फरियादी थी.
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January 22, 2021, 7:28 AM IST
जानकारी के मुताबिक, पुलिस नाबालिग के शव को हमीदिया अस्पताल से सीध श्मशान ले गई. हालांकि, मर्चुरी में पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की, लेकिन पुलिस नहीं मानी. इस बीच बैरागण एसडीएम मनोज उपाध्याय ने हमीदिया पहुंचकर परिजों को दो लाख रुपए का चेक दिया. इसके बाद हबीबगंज सीएसपी भूपेंद्र सिंह ने पिता और चाचा को शव वाहन में बैठाकर विश्राम घाट रवाना कर दिया. बताया जाता है कि इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम नाबालिग के घर गई और कुछ और महिलाओं को विश्राम घाट ले आई.
ऐसी हो गई थी मां की हालत
मां ने जब बेटी के शव को देखा तो वे स्तब्ध रह गईं. उनकी आंखें खुलीं थीं और जुबां थमी हुई थी. थोड़ी देर बाद वह बेहोश हो गईं. बाद में चेहरे पर पानी के छींटे छिड़के, तब उन्हें होश आया. दरअसल, बुधवार को बेटी की मौत की खबर मां को इसलिए नहीं दी गई थी कि कहीं उन्हें सदमा न लग जाए. दूसरी ओर, बालिका संरक्षण गृह में रह रहीं अन्य 4 बच्चों के परिजन अब डर गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन बच्चियों का ख्याल रखा जाए, कहीं इनके साथ कोई हादसा न हो जाए.सामने वाले घर में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालेगी जांच टीम
इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पूरी घटना की मजिस्ट्रियल जांच कलेक्टर के आदेश पर एडीएम के निर्देश में की जाएगी. जानकारी के मुताबिक, जहां घटना घटी वहां कोई सीसीटीवी नहीं है. इसलिए पास से सटे और सामने के मकानों में लगे कैमरे को जांचा जाएगा. वहां के सीसीटीवी फुटेज निकालने के बाद अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध दिखता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.