ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (India vs Australia) पिछली टेस्ट सीरीज में ऋद्धिमान साहा और ऋषभ पंत दोनों को खेलने का मौका मिला. साहा पहले टेस्ट मैच में खेले. उन्होंने अच्छी कीपिंग की लेकिन बैट से नाकाम रहे. इसी मैच की दूसरी पारी में भारत 36 रन पर सिमट गया. इसकी गाज साहा पर भी गिरी और उन्हें दूसरे टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में साहा की जगह ऋषभ पंत को शामिल किया गया. पंत ने खूब कैच छोड़े और बेशुमार रन भी बनाए. उन्होंने अपनी बेहतरीन बैटिंग से चौथा टेस्ट मैच जिताया. इससे पहले सिडनी में तीसरे टेस्ट में 97 रन की जोरदार पारी खेली. इस पारी की बदौलत भारत हारती हुई बाजी को ड्रॉ कराने में कामयाब रहा था. ऑस्ट्रेलिया में उनकी पारियां 29, 36, 97, 23 और 89 रन की रहीं.
ऋषभ पंत उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड का जबरदस्त समर्थन मिलता रहा है. हालांकि, वे वनडे टीम में मिले इस समर्थन का फायदा नहीं उठा पाए और प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गए. लेकिन टेस्ट मैचों में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है. इतना बेहतर कि अगर तुलना की जाए तो महेंद्र सिंह धोनी के आंकड़े भी उनके सामने नहीं टिकते हैं.यह भी पढ़ें: IPL 2021: जिस खिलाड़ी को विराट कोहली ने बाहर किया, उसने ठोके 161 रन
ऋषभ पंत ने अब तक 16 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने इन मैचों में 43.52 की औसत और 2 शतक की मदद से 1088 रन बनाए हैं. जबिक एमएस धोनी ने अपने पहले 16 टेस्ट मैच में 31.62 की औसत और एक शतक की मदद से 759 रन बनाए थे. 23 साल के पंत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक लगा चुके हैं. धोनी अपने पूरे करियर में एशिया से बाहर टेस्ट शतक नहीं लगा सके. हालांकि, यह तुलना धोनी को कमतर दिखाने के लिए नहीं है. उन्होंने कुल 90 टेस्ट मैच खेले और 38.09 की औसत और 6 शतकों की मदद से 4876 रन बनाए, जो किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए ख्वाहिश हो सकती है.
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ऋषभ पंत को फिलहाल प्लेइंग इलेवन के लिए ऋद्धिमान साहा से चुनौती मिल रही है. साहा अब तक 38 टेस्ट मैच में 29.09 की औसत और 3 शतक की मदद से 1251 रन बना चुके हैं. साहा का औसत भले ही कम हो लेकिन विराट कोहली उन्हें दुनिया का बेस्ट विकेटकीपर बता चुके हैं.
अब भारत को अगला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेलना है. यहां की पिच आमतौर पर स्पिनरों को मदद करती है. मैच के तीसरे दिन से गेंद नीची रहनी शुरू हो जाती है. ऐसे स्पिन ट्रैक पर विकेटकीपिंग आसान नहीं होती है. अब देखना यह है कि कप्तान कोहली इस स्पिन ट्रैक पर अपने बेस्ट विकेटकीपर साहा के साथ उतरते हैं या विकेटकीपर पंत के साथ, जो कीपिंग से ज्यादा अपनी बैटिंग के लिए जाने जाते हैं.