लॉक डाउन में जब स्वीमिंग पूल बंद थे पलक ने छत पर गद्दे डालकर जंपिंग और डायविंग की प्रैक्टिस की.
Indore : पलक शर्मा ने 2019 में एशियन एज ग्रुप चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया था. इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतने वाली वो अब तक की सबसे कम उम्र की गोताखोर बनी हैं.
इंदौर की 14 साल की इंटरनेशनल गोताखोर पलक शर्मा को आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.इंदौर कलेक्ट्रेट में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट,पर्यटन औऱ संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर की मौजूदगी में पलक को ये सम्मान मिला.इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल हुईं. अपने गुरु रमेश व्यास को अपना आदर्श मानने वाली पलक शर्मा ने 2019 में एशियन एज ग्रुप चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया था. इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली वो अब तक की सबसे कम उम्र की गोताखोर बनी हैं.
सबसे यंग गोताखोर
पलक ने इतनी छोटी उम्र में पांच राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया और अब तक अलग अलग वर्गो में 11 स्वर्ण सहित कुल 16 पदक जीत चुकी हैं.पीएम नरेन्द्र मोदी से बातचीत के दौरान पलक ने मांग की कि इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल तैयार करवाया जाए.पलक का सपना है कि वो ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीतकर लाएं.खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं की मांग
पलक के कोच विश्वामित्र पुरस्कार विजेता रमेश व्यास बताते हैं कि पलक जब तीसरी क्लास में थीं तब उसने ट्रेनिंग लेना शुरू किया था. जब वो 12 साल की हुई तो 6 मैडल जीते और 13 साल की उम्र में गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रच दिया. अब तक वो कुल 16 मैडल जीत चुकी हैं. रमेश व्यास ने कहा-खिलाड़ियों के लिए साधन नहीं हैं. गोताखोरी के लिए टेंपलिंग, पिट्स, ट्विस्टिंग बेल्ट जैसे बेसिक साधन नहीं हैं. कितने भी अच्छे कोच और खिलाड़ी हों लेकिन अगर आपके पास साधन नहीं हैं तो ऊपर पहुंच ही नहीं सकते. इसलिए सरकार को खिलाड़ियों के लिए संसाधन जुटाने की जरूरत है
8 घंटे प्रैक्टिस करती है पलक
पलक के पिता पंकज शर्मा बताते हैं कि पलक ने 8 साल की उम्र से गोताखोरी की प्रैक्टिस शुरू की थी.र महज 13 साल की उम्र में एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप -2019 में दो सिल्वर और एक गोल्ड मेडल जीतकर सबसे कम्र उम्र की गोताखोर का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा लिया.उन्होंने बताया कि पलक की गोताखोरी की प्रैक्टिस प्रभावित न हो इसलिए वे 4 साल में 4 स्कूल बदलवा चुके हैं. स्कूलों में पढ़ाई के दबाव के कारण प्रैक्टिस प्रभावित हो रही है. पलक स्कूल जाने के साथ ही सुबह शाम 8 घंटे प्रैक्टिस करती है वो पढ़ाई में भी अच्छी है. हर साल मैरिट में आती है.
लॉक डाउन में गद्दों पर प्रैक्टिस
पलक की मां भाग्यश्री शर्मा बताती हैं कि लॉकडाउन में पलक की गोताखोरी की प्रैक्टिस नहीं हो पा रही थी क्योंकि सभी स्विमिंग पुल बंद थे. ऐसे में छत पर ही गेम्स के कई साधनों की व्यवस्था की गई.छत पर गद्दे डालकर उस पर जंपिग,डायविंग और दूसरी प्रैक्टिस कराते रहे.डेढ घंटे नॉन स्टॉप रनिंग होती थी. फिलहाल साढ़े तीन किलोमीटर की रनिंग हो रही है. कोरोना काल में 10 महिने जमीन पर तो खूब प्रैक्टिस हो गई अब पलक पानी में उतरने के लिए बेताब है.
मंत्रियों का वादा
कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और उषा ठाकुर ने भरोसा को दिलाया है कि इंदौर में जल्द ही सर्वसुविधायुक्त स्विमिंग पूल का निर्माण कराया जाएगा. ताकि शहर के तैराक और गोताखोर खिलाड़ियों को असुविधा न हो और वे इसी तरह इंदौर का नाम रौशन करते रहें.