मप्र हाई कोर्ट में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को चुनौती मिल गई है. (सांकेतिक तस्वीर)
कानून के छात्र अम्रतांश नेमा ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की. याचिका पर हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार, विधि एवं विधाई कार्य विभाग सहित गृह विभाग को नोटिस जारी किए.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 29, 2021, 1:15 PM IST
गौरतलब है कि 9 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने राजपत्र में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 (Madhya Pradesh Freedom of Religion Ordinance, 2020) के लिए अधिसूचना जारी की थी. सरकार के इस कदम से कथित लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ राज्य में सख्त कानून लागू हो गया. दिसंबर 2020 में शिवराज सिंह कैबिनेट (Shivraj Singh Cabinet) ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 को मंजूरी दी थी.
10 वर्ष की कैद और एक लाख रुपए तक के जुर्माना
इस विधेयक में शादी या धोखाधड़ी से कराया गया धर्मांतरण (Conversion) अपराध माना जाएगा, जिसके लिए अधिकतम 10 वर्ष की कैद और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद यह कानून लागू करने वाला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) देश का दूसरा राज्य है.