SATNA : ‘जूली’ के 5 पिल्ले हुए तो मालिक ने 12 गांव के लोगों को दी ग्रैंड पार्टी

SATNA : ‘जूली’ के 5 पिल्ले हुए तो मालिक ने 12 गांव के लोगों को दी ग्रैंड पार्टी


सतना के खोही गांव में कुत्तों के लिए क्विंदंति है.

SATNA : पिल्लों के जन्म की खुशी में भोज के दौरान बकायदा ढोल-नगाड़े बजाए गए. घोड़े का डांस, ऑर्केस्ट्रा भी हुआ.जूली को साफ सुथरे कपड़े पहनाए गए. नवजात पिल्लों को भी सजाया गया. लोग हर्षोल्लास के साथ नाचते और झूमते नज़र आए.

सतना.मध्यप्रदेश के सतना (Satna) जिले में एक दिलचस्प वाकया हुआ. यहां एक पालतू बिच ने 5 पिल्लों को जन्म दिया तो इस खुशी में मालिक ने 12 गांव के लोगों को सामूहिक भोज दे डाला. महाभोज के इस मौके पर बाकायदा नाच गाना हुआ और नवजात पिल्लों के लिए शुभ आशीष का लंबा दौर भी चला.

बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लगेगी लेकिन है बिल्कुल सच. मध्य प्रदेश में सतना जिले के खोही गांव में कुछ ऐसा ही आयोजन हुआ.यहां जूली नाम की एक पालतू कुतिया ने 5 पिल्लों को जन्म दिया. मालिक खुशी से झूम उठा. उसने इस खुशी में सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोगों को भी भोज देने की ख्वाहिश ज़ाहिर की. गांव वाले और नाते-रिश्तेदारों ने उनकी भावना का सम्मान किया और शुरू हुई भोज की तैयारी. आसपास के 12 गांव के 2000 लोगों को सामूहिक भोज में आमंत्रित किया गया.बड़े मजे से लोगों ने इस दावत का आनंद लिया और नवजात पिल्लों को खूब आशीर्वाद दिया.

भोज के दौरान बाकायदा ढोल-नगाड़े बजाए गए. घोड़े का डांस, ऑर्केस्ट्रा भी हुआ.जूली को साफ सुथरे कपड़े पहनाए गए. नवजात पिल्लों को भी सजाया गया. लोग हर्षोल्लास के साथ नाचते और झूमते नजर आए.

12 गांव को न्यौताजूली नाम की ये पालतू बिच खोही निवासी मुस्तफा खान की है. इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन मुस्तफा खान के साथ मिलकर गांव के उमेश पटेल और आरके कुरील ने किया. महाभोज के लिए निमंत्रण पत्र छपवाए गए. मालिक मुस्तफा खान की भावना के अनुसार पड़ोसी गांव संग्रामपुर से लेकर देवरी पीड़ा सहित आसपास के गांव को भोजन का न्यौता भेजा गया. लोग भी मुस्तफा खान की खुशी में शामिल होने कार्यक्रम में आए और भोजन किया.

ये है किस्सा
यह पूरा आयोजन किसी सनक या दिखावे के लिए नहीं किया गया. बल्कि क्विंदंति है कि इस इलाके में कभी अन्न का अकाल हो गया था.उसके बाद इस गांव के कुत्तों ने भगवान गैबी नाथ से प्रार्थना की तब कहीं जाकर अकाल दूर हुआ. बस तब से लेकर अब तक यहां कुत्तों के प्रति लोगों का बेहद लगाव और श्रद्धा है.बात चाहें जो हो लेकिन आसपास के इलाके में जूली के 5 बच्चों का जन्म और उसके बाद दावत जिसे स्थानीय भाषा में बरहो कहा जाता है, की चर्चा हो रही है.








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