असंतुष्टों को संतुष्ट करने के लिए सीएम ने नया प्लान बनाया है. (फाइल फोटो)
नए प्लान के तहत शिवराज सरकार उन्हें कोऑपरेटिव बैंकों में एडजस्ट करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए प्रदेश में को-ऑपरेटिव सोसायटी संशोधन लागू कर दिया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 30, 2021, 4:54 PM IST
जानकारी के मुताबिक, सरकार असंतुष्ट नेताओं को संतुष्ट करने के लिए मंत्री का दर्जा देगी. क्योंकि, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को कैबिनेट में शामिल करने के चलते BJP के कई वरिष्ठ विधायक मंत्री बनने से वंचित रह गए थे. उनके व्यवहार से आए दिन झलक जाता है कि वे नाराज हैं. वे मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कैबिनेट विस्तार अभी तक अटका हुआ है. बताया तो ये भी जा रहा है कि सिंधिया के कई अन्य समर्थक अब भी मंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं.
इसलिए हो रहा ये सबकुछ
बता दें, जब वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो उसके दो हफ्ते बाद उनकी टीम का ऐलान किया गया. लेकिन, इस टीम में भी केवल दो सांसद और तीन विधायक ही शामिल हो सके. इससे कई बार विधायक रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कोई पद ही नहीं मिल सका. इससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई.ये है फिलहाल प्रदेश की स्थिति
बता दें, प्रदेश में फिलहाल 38 जिला को-ऑपरेटिव बैंक हैं. इनमें से 34 में अध्यक्ष पद पर सांसद-विधायकों को एडजस्ट किया जा सकता है. सांसद-विधायक पहले भी इन बैंकों के सदस्य होते थे, लेकिन सरकार ने इस एक्ट में संशोधन करते हुए इस प्रावधान को हटा दिया था. संशोधन अध्यादेश लागू होने के बाद इसका रास्ता साफ हो गया है. अध्यक्ष बनने के लिए विधायक और सांसदों को पहले बैंक का प्राथमिक सदस्य बनना होगा. करीब 50% नेता विभिन्न जिला सहकारी बैंकों में अभी भी सदस्य हैं. जिनकी सदस्यता समाप्त हो गई है, वे फिर से सदस्य बन सकेंगे.