MP: सांसद सिंधिया ने ऐसी कौन सी चिट्ठी लिख दी, सियासत में मच गई हलचल!

MP: सांसद सिंधिया ने ऐसी कौन सी चिट्ठी लिख दी, सियासत में मच गई हलचल!


ज्योतिरादित्य सिंधिया की चिट्ठी ने सियासत में हलचल मचा दी है. (फाइल फोटो)

चिट्ठी पर 8 अगस्त 2020 की तारीख डली हुई है. इसमें रज्यसभा सांसद ने प्रदेश में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्त आयोग से फंड की मांग की थी.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    January 30, 2021, 1:17 PM IST

भोपाल. BJP के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की उस चिट्ठी ने जबरदस्त सियासी हलचल मचा दी है, जो उन्होंने वित्त आयोग को लिखी है. उनकी यह चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.

बता दें, चिट्ठी पर 8 अगस्त 2020 की तारीख डली हुई है. इसमें राज्यसभा सांसद ने प्रदेश में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्त आयोग से फंड की मांग की थी. अब इस बीच इस चिट्ठी को लेकर संभावनाओं-अनुमानों का दौर शुरू हो गया है. लोग दबी जबान में कह रहे हैं कि इसके जरिए सिंधिया सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीतिक पंडितों ने भी इसे ये कहकर हवा दी है कि सिंधिया की चिट्ठी का कुछ न कुछ तो असर होगा.

चर्चा में हर बार रहते हैं सिंधिया- इस बार ये भी थी वजह

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी न किसी वजह से चर्चाओं में रहते ही हैं. इस चिट्ठी के वायरल होने से पहले एक और वजह से सिंधिया चर्चा में आ गए थे. दरअसल सिंधिया को सरकार ने बंगला श्यामला हिल्स B-5 अलॉट कर दिया था. यह बात राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और रोचक थी. वो इसलिए, क्योंकि एक तो राज्यसभा सांसद को राजधानी में कोई बंगला करीब 18 साल बाद मिला, दूसरा, यह बंगला उन्हें भाजपा सरकार में महज 48 घंटों के अंदर मिल गया. जबकि, कमलनाथ सरकार महज एक बंगले को लेकर सिंधिया को महीनों यहां से वहां घुमाती रही.कांग्रेसियों को नहीं था मंजूर

गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे. लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा. और ये बात इन नेताओं को किसी कीमत पर मंजूर नहीं थी.

ऐसे करते रहे सिंधिया को परेशान

सूत्र बताते हैं कि गृह विभाग को हिंट दे दी गई थी कि सिंधिया को बंगला नहीं देना है. सिंधिया ने कमलनाथ सरकार आते ही चार इमली स्थित उस बंगले के लिए आवेदन किया था, जो गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को  अलॉट था. कमलनाथ ने इस आवेदन को गृह  विभाग को भेज दिया. इस बात की जानकारी जैसे ही भूपेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पहले ही लिख दिया कि वे यह बंगला अप्रैल 2020 तक खाली नहीं कर सकते. इस तरह ये बंगला सिंधिया के हाथ से निकल गया.








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