सचिन तेंदुलकर ने 1999 में चेन्नई के मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ 136 रनों की पारी खेली थी. (फोटो-Getty/News18)
India vs Pakistan, Chennai Test 1999: सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की 136 रनों की पारी को सकलैन मुश्ताक (Saqlain Mushtaq) ने वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) के तिहरे शतक से ज्यादा महत्वपूर्ण करार दिया था.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 31, 2021, 7:25 AM IST
सिर्फ 12 रनों से हारा भारत
आज से 22 साल पहले 1999 में चेपक स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में पाक टीम ने भारतीय टीम को सिर्फ 12 रनों से मात दी थी. पाकिस्तान टीम उस साल वर्ल्ड कप फाइनल में भी पहुंची थी जहां उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराया था. पाकिस्तान की टीम में सईद अनवर, वकार यूनिस, वसीम अकरम, सकलैन मुश्ताक, इंजमाम उल हक, मोहम्मद युसूफ, सलीम मलिक और एजाज अहमद जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे. पहले बल्लेबाजी करते हुए पाक टीम ने मोहम्मद युसूफ और मोईन खान के अर्धशतकों की बदौलत 238 रन बनाए. भारत की ओर से अनिल कुंबले ने छह जबकि तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने तीन विकेट चटकाया.
भारत ने पहली पारी में राहुल द्रविड़ (53) और सौरव गांगुली (54) के अर्धशतकों की मदद से 254 रन बनाए. तेंदुलकर पहली पारी में कुछ खास नहीं कर सके और सकलैन मुश्ताक ने जीरो पर चलता कर दिया. टीम इंडिया सिर्फ 16 रन का लीड लेने में सफल रही. पाकिस्तान की ओर से सकलैन ने पांच, शाहिद अफरीदी ने तीन जबकि कप्तान वसीम अकरम ने दो विकेट चटकाया. पाकिस्तान की दूसरी पारी में विस्फोटक बल्लेबाज अफरीदी ने 141 और इंजमाम ने 51 रनों की पारी खेली जिसकी बदौलत मेहमान टीमम 286 रन बनाने में सफल रही. भारत की ओर से वेंकटेश प्रसाद ने छह विकेट चटकाए. इस तरह से भारत को जीत के लिए 271 रनों का लक्ष्य मिला.लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही. सिर्फ छह ओवर के अंदर भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज सदगोपन रमेश (5) और वीवीएस लक्ष्मण (0) आउट होकर चलते बने. दोनों का विकेट वकार ने लिया. इसके बाद 50 की स्कोर पर भारत का तीसरा विकेट राहुल द्रविड़ के रुप में गिरा, उन्हें अकरम ने बोल्ड मारा. चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे सचिन एक छोर पर डटे हुए लेकिन उन्हें दूसरे भारतीय बल्लेबाजों का साथ नहीं मिल रहा था. कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (7) और सौरव गांगुली (2) सकलैन का शिकार बने और भारत की आधी टीम 82 के स्कोर पर पैवेलियन लौट चुकी थी.
मोंगिया-सचिन के बीच हुई शतकीय साझेदारी
ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम अब सिर्फ बचाने के लिए खेलेगी लेकिन नयन मोंगिया और सचिन की साझेदारी ने पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया. दोनों खिलाड़ियों के बीच छठे विकेट लिए 136 रनों की साझेदारी हुई. नयन मोंगिया (52) जब आउट हुए तो भारत का स्कोर 218 पहुंच चुका था. टीम इंडिया अब जीत से सिर्फ 53 रन दूर थी और उसके चार विकेट शेष थे. पीठ के दर्द के बाजवदू सचिन क्रीज पर टिके हुए थे.
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मोंगिया के आउट होने के बाद सुनील जोशी क्रीज पर सचिन का साथ देने उतरे. सचिन समझ चुके थे कि भारतीय पुछल्ले बल्लेबाज पाकिस्तान के खतरनाक गेंदबाजों के सामने नहीं टिकेंगे. ऐसे में उन्होंने अपना गियर बदला. जोशी और सचिन के लिए सातवें विकेट लिए सिर्फ 34 गेंदों में 36 रनों की साझेदारी हुई. भारत अब जीत से सिर्फ 17 रन दूर था. भारत को इस मैच में भाग्य का साथ नहीं मिला और सकलैन ने सचिन को 136 रनों के निजी स्कोर पर आउट कर दिया. भारत के आखिरी चार विकेट सिर्फ 22 गेंदों में गिर गए और पाक ने यह मैच 12 रनों से जीत लिया. दूसरी पारी में भी सकलैन ने पांच विकेट चटकाया जबकि अकरम तीन और वकार दो विकेट लेने में सफल रहे. सचिन तेंदुलकर को उनकी साहसिक पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
हार के बाद रोने लगे सचिन
इस मैच में हार के लिए सचिन खुद को जिम्मेदार मान रहे थे. उस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारी राज सिंह डूंगरपुर ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि तेंदुलकर जैसे ही इस पारी में आउट हुए, वह ड्रेसिंग रूम में आकर रोने लगे. सचिन के आंसू डूंगरपुर और तत्कालीन कोच अंशुमान गायकवाड़ के समझाने के बाद भी नहीं रुके.