सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की ओर से जारी आंकड़ों को देखा जाए तो 2020 में भारत का ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट 18.87 फीसदी गिरा. जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान वाहनों का कुल एक्सपोर्ट 38,65,138 यूनिट रहा, जो 2019 में 47,63,960 यूनिट रहा था. इस वजह से ऑटो सेक्टर में बड़ी तादाद में नौकरियां गईं. ऐसे में ऑटो सेक्टर 2021 के बजट से काफी उम्मीद लगाए हुए है.
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मिल सकती है ये सहूलियतें
>> ऑटो इंडस्ट्री तेजी लाने के लिए सरकार वाहनों की जीएसटी दरों में कटौती कर सकती है.
>> लिथियम ऑयन बैटरी सेल्स के आयात कर को खत्म किया जा सकता है. ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिल सके.
>> सरकार बजट में लिथियम ऑयन बैटरी के उत्पादन में 100 फीसदी टैक्स की छूट दे सकती है.
>> प्रस्ताव पर केंद्र सरकार और नीति आयोग काफी समय से काम कर रहे है.
>> इसके साथ ही सरकार सब्सिडी की सुविधा भी दे सकती है.
>> ऑटो लोन पर भी चुकाएं जाने वाले ब्याज के बदले इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है.
>> ऑटो लोन के ब्याज पर भी इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है.
स्क्रैपेज पॉलिसी को मिल चुकी है मंजूरी
केंद्र सरकार ने स्क्रैपेज पॉलिसी (Scrappage Policy) को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब 15 साल से अधिक पुरानी सरकारी गाड़ियां सर्विस में नहीं रहेंगी. सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस बारे में जानकारी दी है. CNBC-TV18 ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि नई स्क्रैपेज पॉलिसी को 1 अप्रैल 2021 से लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद सरकारी विभाग की गाड़ियां 15 साल पूरा होने पर सर्विस से बाहर निकाल दी जाएंगी. सितंबर महीने में ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा था कि सरकार के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी प्रमुख वरीयता में से एक है. सरकार के इस कदम से न केवल वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) में डिमांड बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.