सूदखोरों से तंग आकर उज्जैन विकास प्राधिकरण के कर्मचारी ने की आत्महत्या, ऑफिस में धुसकर धमकाया था

सूदखोरों से तंग आकर उज्जैन विकास प्राधिकरण के कर्मचारी ने की आत्महत्या, ऑफिस में धुसकर धमकाया था


Ujjain : ऑफिस में घुसकर विजय को धमकाते आरोपी सूदखोर

Ujjain : उज्जैन में सूदखोरों के कारण सुसाइड (Suicide) का ये पहला मामला नहीं है.पिछले 6 महीनो में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर चुके हैं.

उज्जैन.सूदखोरों की गुंडागर्दी ने फिर एक युवक की जान ले ली. इस बार मामला उज्जैन (Ujjain) का है. यहां सूदखोरों की धमकी से परेशान होकर उज्जैन विकास प्राधिकरण के एक कर्मचारी ने आत्महत्या (Suicide) कर ली.उज्जैन में पिछले 6 महीने में करीब 6 लोग सूदखोरों से परेशान होकर अपनी जान दे चुके हैं.

उज्जैन में सूदखोरों का जाल फैलता जा रहा है और लोग भी उनके चक्कर में पड़ना नहीं छोड़ रहे हैं. नतीजा मौत पर जाकर खत्म हो रहा है. सूदखोरों के पठानी ब्याज के  कारण  उज्जैन में बीती रात एक और शख्स ने अपनी जान दे दी. उज्जैन विकास प्राधिकरण में काम करने वाले विजय सोलंकी ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. विजय के भाई का आरोप है कि सूदखोर पप्पू धाकड़ और पप्पू मरमट आये दिन विजय को धमका रहे थे. अभी कुछ दिन पूर्व ही दोनों सूदखोर उज्जैन विकास प्राधिकरण के कार्यालय में भी घुस आए थे और विजय को धमका कर गए थे. उसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.

पठानी ब्याज का चलन
प्रदेश गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कह चुके हैं कि पठानी ब्याज अब मध्य प्रदेश में नहीं चलेगा. इसके बावजूद गुंडे और ब्याजखोरों में पुलिस का भय दिखाई नहीं दे रहा है.  मृतक के भाई ने बताया की 5 जनवरी को पप्पू ने दीपक से विजय को दो हजार  डेली  कलेक्शन के नाम पर दिलवाये थे. सूदखोरों ने इसे 26 दिन में 100 रुपए रोज की पेनल्टी और चक्रवृद्धि ब्याज के नाम पर 5300 रुपए कर दिए. बस उसके बाद से ही पप्पू पैसे लेनदारी निकालकर विजय को लगातार धमका रहा था.प्राधिकरण के दफ्तर में घुसकर धमकी

मृतक विजय को धमकाने के लिए बंदूक लेकर दो लोग विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे थे. इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. और आखिरकार विजय ने अपनी जान दे दी.

6 महीने में 6 लोगों ने दी जान
उज्जैन में ये पहला मामला नहीं है.पिछले 6 महीनो में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर चुके हैं. पठानी ब्याज लेने वाले सूदखोरों और इनसे त्रस्त आत्महत्या करने वाले लोगों की लंबी फेहरिस्त है.इससे पहले फोटो ग्राफर मिलिंद शेलके ने भी आत्महत्या की थी. उसने भी अपनी जान सूदखोरों के चक्कर में पड़कर दे दी थी. शेलके के मामले में बीजेपी के नेता का भी  नाम सामने आया था जिसके बाद से आरोपी फरार चल रहा है. करीब 5 माह बीत जाने के बाद भी आरोपी बीजेपी नेता को पुलिस पकड़ नहीं पायी है. इससे पहले एक निगम कर्मी, एक निजी कम्पनी में काम करने वाला कर्मचारी भी सूदखोरों के चक्कर में अपनी जान दे चुके हैं.

फिर मिला जांच का आश्वासन

पुलिस फिर कह रही है कि जांच करेगी. लेकिन आरोपियों के खिलाफ सख्ती न होने से लोग परेशान हैं. एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा परिवार से बात कर तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी जो भी इस मामले में दोषी होगा वो जल्द ही जेल में होगा.








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