MP: प्रदेश पार्टी लाइन से उलटा चलीं उमा, शिवराज के प्रस्ताव के खिलाफ ये किए ट्वीट

MP: प्रदेश पार्टी लाइन से उलटा चलीं उमा, शिवराज के प्रस्ताव के खिलाफ ये किए ट्वीट


उमा भारती ने ट्वीट कर शिवराज के लिए मुश्किल बढ़ा दी है. (फाइल फोटो)

प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने की तैयारी कर रही है. लेकिन, इससे पहले ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘शराब और नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गई है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 4, 2021, 11:27 AM IST

भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश भाजपा की पार्टी लाइन से अलग लाइन पकड़ ली है. मामला शराबबंदी को लेकर है. उमा ने ट्वीट कर शिवराज सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर शराबबंदी का अभियान शुरू करेंगी. मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इसकी प्लानिंग कर रही है. यह किस तरह का होगा, इसकी जानकारी अगले पांच दिन में पता चल जाएगी.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने की तैयारी कर रही है. लेकिन, इससे पहले ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘शराब और नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गई है. खुशबू नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की है तथा वह उत्तराखंड़ में मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आई थीं. मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनों देखे, तभी उसका नाम गंगा भारती हो गया था. मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिए कहा है. आगे का विवरण वह स्वयं आप सबको 5 दिन बाद बताएंगी.’

हाल ही में दिया था ये बयान

बता दें, करीब दस दिन पहले भी उमा ने कहा था कि नशा करने के बाद ही रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए नशा और शराबबंदी होनी चाहिए. ऐसा निर्णय लेने के लिए राजनैतिक साहस की जरूरत होती है. मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था- थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता. देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे, मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है. वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे, तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है.








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