JABALPUR : शंकराचार्य ने एक देश-एक कानून की वकालत की.
Jabalpur : शंकराचार्य (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) ने भगवान राम के नाम पर मंदिर बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए. उनका कहना है विश्व हिंदू परिषद के लोग भगवान राम को भगवान नहीं बल्कि महापुरुष मानते हैं. लिहाजा महापुरुष का स्मारक बनाया जाता है न कि मंदिर.
द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कामाघ मेले मे शामिल होने प्रयागराज जा रहे हैं. रास्ते में वो जबलपुर रुके. यहां मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य ने एक देश एक कानून की भी वकालत करते हुए कहा अब एक देश एक कानून की जरूरत है.साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा 4 शादियां करने पर अब सजा मिलनी चाहिए.जिस प्रकार हिंदू मैरिज एक्ट में दो शादियां करने पर सजा मिलती है उसी तर्ज पर कानून बनाकर मुसलमानों पर भी लागू किया जाना चाहिए.
चंदा वसूली पर सवाल
शंकराचार्य ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया.उन्होंने कृषि कानून वापस लेने की बात कहते हुए कहा जिस प्रकार सरकार किसानों को भोजन, पानी के लिए तरसा रही है इतना तो अंग्रेजों ने भी किसी को प्रताड़ित नहीं किया था. अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए देशभर में समर्पण निधि जुटाई जा रही है. इस पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा राम मंदिर के नाम पर विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने पूर्व में हुए धन संग्रह पर भी विश्व हिंदू परिषद से जवाब मांगा है.जनता को वीएचपी जैसे संगठनों से सावधान होना चाहिए. शंकराचार्य ने भगवान राम के नाम पर मंदिर बनाए जाने पर भी सवाल खड़े कर दिए. उनका कहना है विश्व हिंदू परिषद के लोग भगवान राम को भगवान नहीं बल्कि महापुरुष मानते हैं. लिहाजा महापुरुष का स्मारक बनाया जाता है न कि मंदिर.
शुरू से विरोध
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शुरू से ही सवाल खड़े करते आ रहे हैं. चाहे मंदिर निर्माण का मुद्दा हो या फिर मंदिर के भूमि पूजन का मसला. हर मामले में उन्होंने केंद्र सरकार से लेकर आरएसएस और वीएचपी को कटघरे में खड़ा किया. अब मंदिर निर्माण के लिए किए जा रहे धन संग्रह को लेकर भी वे अपने तीखे तेवर दिखा रहे हैं.