Neemuch : रिटायर होकर फौजी घर लौटा तो गांव वालों ने स्वागत में बिछा दीं अपनी हथेली

Neemuch : रिटायर होकर फौजी घर लौटा तो गांव वालों ने स्वागत में बिछा दीं अपनी हथेली


MP News : विजय बहादुर 17 साल की सेवा देकर सेना से रिटायर हुए हैं.

Neemuch : विजय को कार में बैठाकर पूरे नगर में घुमाया गया. गांव वालों ने रास्ते में जगह-जगह फूल बरसाए.महिलाओं ने उनकी आरती उतारी औऱ फिर मंच सजाकर उन्हें साफा पहनाया गया.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 5, 2021, 7:08 PM IST

नीमच.नीमच (Neemuch) के जीरन गांव में एक रिटायर फौजी का ऐसा स्वागत किया गया कि वो मिसाल बन गया. गांव वालों ने उसे सिर आंखों पर बैठा लिया. सेना और सैनिक के सम्मान के ये पल सबके लिए यादगार बन गए.17 साल के अपने सफर में जवान करगिल और सियाचिन में भी तैनात रह चुका है.

नीमच के जीरन का जवान विजय बहादुर भारतीय सेना में 17 साल सेवा देने के बाद रिटायर हो गया. जब वो घर पहुंचे तो उनका ऐसा स्वागत औऱ सम्मान किया गया जिसकी कल्पना उन्होंने कभी नहीं की थी. जीरन वासियों ने अपने लाड़ले का भव्य स्वागत किया. विजय को कार में बैठाकर पूरे नगर में घुमाया गया. गांव वालों ने रास्ते में जगह-जगह फूल बरसाए.महिलाओं ने उनकी आरती उतारी औऱ फिर मंच सजाकर उन्हें साफा पहनाया गया. उसके बाद युवाओं ने अपने खून का तिलक उन्हें लगाया और अपनी हथेलियों पर पैर रखवा कर मंदिर तक पहुंचाया.इस नजारे को जिसने देखा उसका सीना सेना के सम्मान में चौड़ा हो गया.

सेल्फी लेने की होड़
इस गांव में यह पहला ऐसा नजारा था जब कोई जवान भारत माता की रक्षा के लिए अपनी सेवा देकर घर पहुंचा हो और उसका ऐसा भव्य स्वागत किया गया हो. सम्मान के दौरान उनके साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने के लिए लोगों में होड़ मच गयी. पूरे रास्ते देशभक्ति के गीत और नारे गूंजते रहे. लहराते तिरंगों के बीच बार-बार भारत माता के जयकारों से पूरा माहौल गूंजता रहा.

पिता का सीना चौड़ा

फौजी के पिता लाल सिंह ने कहा जो स्वागत उनके बेटे का हुआ है, उसे देख कर उनका सीना चौड़ा हो गया है. वे चाहते हैं कि गांव के ज्यादा से ज्यादा युवा फौज में भर्ती हों. गांव वालों ने जो उनके बेटे का स्वागत किया है, उसके सभी को धन्यवाद देता हूं.

गांव के युवाओं को ट्रेनिंग देंगे
जीरन गांव के रिटायर्ज फौजी विजय बहादुर सिंह 17 साल 26 दिन की अपनी नौकरी में करगिल, सियाचिन, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, जयपुर और शिमला में पदस्थ रहे. विजय बहादुर कहते हैं  अपना ऐसा सम्मान पाकर उनके पास शब्द नहीं हैं बयां करने के लिए. वो इसका ऋण गांव के युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए ट्रेंड करेंगे.








Source link