कम इंपोर्ट ड्यूटी से सबका फायदा: सोने की स्मगलिंग घटेगी, ग्राहकों की खरीदारी बढ़ेगी; ज्वैलर्स का कॉम्पिटिशन घटेगा, सरकार की आमदनी बढ़ेगी

कम इंपोर्ट ड्यूटी से सबका फायदा: सोने की स्मगलिंग घटेगी, ग्राहकों की खरीदारी बढ़ेगी; ज्वैलर्स का कॉम्पिटिशन घटेगा, सरकार की आमदनी बढ़ेगी


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कुछ ही क्षण पहले

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  • FY19-20 में गलत तरीके से आया था एक चौथाई सोना
  • पहली छमाही में 32% घटी थी ज्वैलरी फर्मों की आमदनी

बजट में आयात शुल्क 12.5% से घटाकर 7.5% किए जाने से सोने के अवैध कारोबार और उसकी स्मगलिंग में कमी आएगी। इंडियन रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र करते हुए कहा है, ‘इससे सरकार की आमदनी बढ़ेगी। आयात शुल्क घटने से लंबे समय में सोने की मांग बढ़ेगी, क्योंकि उससे गहनों की कीमत घटेगी और ग्राहकों की खरीदारी में इजाफा होगा।’

FY19-20 में गलत तरीके से आया था एक चौथाई सोना

सरकार ने आमदनी बढ़ाने के लिए जुलाई 2019 में पेश बजट में सोने का आयात शुल्क 10% से बढ़ाकर 12% कर दिया था। आयात शुल्क की मौजूदा व्यवस्था में सोने की स्मगलिंग को बढ़ावा मिल रहा है। इंड-रा के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में 150 से 180 टन सोना गलत तरीके से देश में आया था। यह आधिकारिक चैनलों से आए 600 से 700 टन सोने का एक चौथाई है। इंड-रा का मानना है कि सोने का आयात शुल्क घटाए जाने से ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के ज्वैलर्स को फायदा होगा।

पहली छमाही में 32% घटी थी ज्वैलरी फर्मों की आमदनी

देश में सोने की अधिकांश खरीदारी उसकी कीमत पर निर्भर करती है। यानी उसका दाम घटने पर खरीदारी बढ़ती है और मूल्य बढ़ने पर घटती है। वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में सोने के भाव में आई तेज उछाल से टॉप ऑर्गनाइज्ड ज्वैलरी फर्मों की आमदनी औसतन 32 पर्सेंट घटी थी। इंड-रा ने त्योहारी खरीदारी के चलते दूसरी छमाही में उनकी आमदनी बढ़ने का अनुमान दिया था।

अगस्त के पीक से 10% गिरावट आने से मांग बढ़ी थी

तीसरी तिमाही में त्योहार वाली खरीदारी होने, सोने की दबी मांग निकलने, अगस्त 2020 के पीक से भाव में 10 पर्सेंट की गिरावट आने से सोने की मांग काफी बढ़ी थी। मांग में इजाफे की वजह कोविड-19 का टीका आने की संभावना बढ़ने से खरीदारों का रुझान बेहतर होने का भी फायदा मिला है।

इंपोर्ट ड्यूटी घटने से 120 रुपये प्रति ग्राम कम हुई कीमत

सोने का आयात 2020 में एक दशक के निचले स्तर पर आ गया था लेकिन उसमें चौथी तिमाही में बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में जब उसका दाम 5000 रुपये प्रति ग्राम से ज्यादा था, तब ज्यादातर ज्वैलर्स की सेल्स बढ़ी थी। बजट में हुए ऐलान से इंपोर्ट ड्यूटी में प्रभावी रूप से लगभग ढाई पर्सेंट की कमी आने पर भाव 120 रुपये प्रति ग्राम घट गया।

2020-21 में सोने का भाव 15-20% ऊँचा रहेगा

सोने का दाम हालिया गिरावट के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में ऊंचे लेवल पर बना हुआ है। इंड-रा के मुताबिक 2020-21 में सोने का भाव पिछले साल से 15-20 पर्सेंट ऊँचा रहेगा और इनवेंटरी गेन का थोड़ा हिस्सा दाम में अस्थाई गिरावट की भेंट चढ़ जाएगा।

कम आयात शुल्क से ऑर्गनाइज्ड ज्वैलरी सेक्टर को राहत

रिपोर्ट के मुताबिक, आयात शुल्क घटने से ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के ज्वैलर्स को राहत मिली है क्योंकि उनको सोने के अवैध कारोबार से मिलने वाला कॉम्पिटिशन घटेगा। इंड-रा का कहना है कि सरकार ने बजट में सेबी को गोल्ड बुलियन एक्सचेंज का रेगुलेटर बनाने का जो ऐलान किया है, उससे यह सेक्टर ऑर्गनाइज्ड बनाने की दिशा में बढ़ेगा।



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