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पटनाकुछ ही क्षण पहले
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- 2018 में रेल पुलिस ने बख्तियारपुर से किया था गिरफ्तार
- काफी समय से बिन्दु सिंह के बेटे के लिए कर रहा था काम
कंकड़बाग के पीसी कॉलोनी में एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने और नहीं देने पर दहशत फैलाने के लिए गोली चलाने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। शुक्रवार को हॉस्पिटल के गेट पर गोली सूरज नाम के अपराधी ने चलाई थी। जो पटना के बेऊर जेल में बंद कुख्यात अपराधी बिन्दु सिंह के बेटे रौशन और उसके साथी अभिषेक के साथ बुलेट पर सवार होकर गया था। रौशन और अभिषेक, बुलेट लेकर हॉस्पिटल से कुछ दूर पहले ही रूक गए थे। जबकि, सूरज पिस्टल लेकर बड़े आराम से प्राइवेट हॉस्पिटल के अंदर गया और गोली चलाने के बाद अपने साथियों के साथ फरार हो गया।
गोली चलाने वाले इस सूरज की बिन्दु सिंह से मुलाकात बेऊर जेल के अंदर हुई थी। साल 2018 में इस अपराधी को पटना रेल पुलिस की टीम ने बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन से पकड़ा था। दरअसल, उस वक्त यह एक शातिर के रूप में काम कर रहा था। नकली TTE बनकर चलती ट्रेन में पैसेंजर्स के टिकट चेक किया करता था। अवैध रूप से रुपयों की वसूली किया करता था। एक दिन रंगे हाथ पकड़ा गया, जिसके बाद इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। लम्बे वक्त तक यह अपराधी जेल में रहा। वहीं बिन्दु सिंह का शार्गिद बन गया। जेल से छूटकर बाहर आने के बाद बिन्दु सिंह के बेटे रौशन के लिए काम करने लगा। अब यह तीनों ही अपराधी पटना पुलिस की गिरफ्त में हैं।
शनिवार को सिटी एसपी ईस्ट जितेंद्र कुमार ने बताया कि एएसपी सदर और कंकड़बाग थाना की टीम ने सूरज, रौशन और अभिषेक को राजेंद्र नगर इलाके से गिरफ्तार किया है। तीनों को जेल भेज दिया गया है। इनके पास से वो पिस्टल भी बरामद कर ली गई है, जिससे हॉस्पिटल के अंदर गोली चलाई गई थी। बिन्दु सिंह का बेटा पहले भी जेल जा चुका है। उसके ऊपर जेलर की हत्या की साजिश रचने के साथ ही रंगदारी मांगने का मामला पहले से दर्ज है। इन्हीं आपराधिक मामलों में जेल गया था। जबकि, कुख्यात बिन्दु सिंह पिछले कई सालों से जेल के अंदर सजा काट रहा है। जेल में बैठकर आपराधिक साम्राज्य चलाने की उसकी बातें पहले भी सामने आ चुकी है।