पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: कुछ नहीं चाहिए इस भावना के साथ हमें प्रतिदिन किसी न किसी को कुछ न कुछ अच्छा देना चाहिए

पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: कुछ नहीं चाहिए इस भावना के साथ हमें प्रतिदिन किसी न किसी को कुछ न कुछ अच्छा देना चाहिए


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  • With Nothing In Mind, We Should Give Something Good To Someone Every Day.

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5 मिनट पहले

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पं. विजयशंकर मेहता

जरा विचार करके देखिएगा आप एक दिन में किसी भी एक व्यक्ति को क्या बेहतर दे सकते हैं, उसमें कितना अच्छा बदलाव ला सकते हैं। मनुष्य बनाए गए हैं तो हमें प्रतिदिन किसी न किसी को कुछ न कुछ अच्छा देना चाहिए। इस भावना के साथ कि हमें उससे कुछ नहीं चाहिए।

फिर देखिए, जब यह दुनिया छोड़कर जाएंगे, इस बात का बड़ा संतोष होगा कि इस संसार में रहते हुए हमने बहुत से लोगों को बहुत कुछ दे दिया। कहा भी गया है कि जगत में ऐसे रहो कि जैसे सब हमारे हैं और जब जग छोड़ो तो ऐसे जाओ जैसे कोई हमारा नहीं था।

तो हर दिन यह तय कर लें कि आज किसी को कुछ अच्छा देना ही है। इसके लिए सबसे पहले उसे धैर्य से सुनिए। फिर उसके दायरे को समझकर उस दायरे में ही सुझाव दीजिए। उसे कुछ ऐसे संस्मरण सुनाइए जो प्रेरक हों, लेकिन जिनमें हमारे ‘मैं’ की घोषणा कम से कम हो।

मैंने ऐसा किया, मैं वैसा करता था, मैं ऐसा कर सकता हूं। ये बातें किसी में बदलाव नहीं ला सकतीं। हमने जो भी जाना हो, हो सकता है वह कठिन ढंग से प्राप्त किया हो, लेकिन जब सामने वाले को उसके बारे में बताएं तो बड़ी सरलता और सहजता से प्रस्तुत करें। एक दिन, हफ्तेभर या महीनेभर, जो भी समय सीमा तय करें, किसी एक व्यक्ति के लिए कुछ अच्छा कर जाएं।



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