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फरीदाबादएक मिनट पहले
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पलवल में जाम स्थल पर घूंघट की आड़ में तिरंगा लहराती महिला
- जाम स्थल के चारों ओर भारी पुलिसबल तैनात, फरीदाबाद में पुलिस की सख्ती से किसान नहीं आ पाए बाहर
- फरीदाबाद के कुछ किसानों ने इस आंदोलन को बताया राजनीति से प्रेरित, इसलिए आंदोलन से हो गए अलग
पलवल में सैकड़ों किसानों ने शनिवार दोपहर 12.00 बजे नेशनल हाइर्व-19 केजीपी-केएमपी चौक पर जाम लगा दिया। ऐसे में आगरा और मथुरा से आने वाले ट्रैफिक को होडल, हथीन और पलवल के रास्ते फरीदाबाद की ओर निकाला गया। जबकि फरीदाबाद से मथुरा आगरा जाने वाले ट्रैफिक को पलवल से हथीन और होडल के रास्ते रवाना किया गया। किसी उपद्रव की आशंका को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद में आप नेता धर्मवीर भड़ाना को पुलिस ने उनके घर में ही नजरबंद कर दिया था। जबकि अन्य किसान संगठन इस आंदोलन को दिशाहीन बताते हुए आंदोलन में शामिल ही नहीं हुए। फरीदाबाद पुलिस की ओर से व्यापक तैयारियां रही। सभी प्रमुख मार्गों और हाइवे पर सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे।
पलवल में दिखा जाम का असर
किसान आंदोलन के चलते केजीपी के एमपी चौक क्षेत्र नेशनल हाईवे-19 पर किसानों ने पूर्व घोषणा के अनुसार शनिवार को दोपहर 12:00 बजे से धरना शुरू कर दिया जिसके चलते नेशनल हाईवे पूरी तरह जाम हो गया। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो इससे भी कठोर चेतावनी के साथ मैदान में उतरा जाएगा। जाम के दौरान हाइवे पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। हाइवे जाम होने से सैकड़ों वाहन घंटे तक फंसे रहे। पुलिस ने उन्हें साइड में ही खड़ा करा दिया। कुछ वाहन वापस दूसरे रास्तों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।
घूंघट की आड़ में विरोध का जोश
पलवल के जाम स्थल पर विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी। घूंघट की आड़ में हाथों में तिरंगा लिए कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। महिलाओं का कहना था कि वह अपने परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस आंदोलन को गति देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी। महिलाएं किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद कर रही थी।
इमरजेंसी सेवाओं को नहीं रोका
जाम लगाकर बैठे किसानों ने इमरजेंसी सेवाओं एंबुलेंस, स्कूल बस, फॉयर बिग्रेड आदि की गाडियों को नहीं रोका। किसान मोर्चा ने चक्का जाम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी युवाओं की टीम को निगरानी में लगा रखा था ताकि कोई शरारत न कर सके। 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार, किसान नेता मास्टर महेंद्र चौहान, स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, रतन सिंह सौरोत, सोनपाल चौहान व ज्ञान सिंह चौहान आदि ने कहा कि उनका विरोध कृषि कानूनों को लेकर है। जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती आंदोलन जारी रहेगा।

जाम स्थल पर मौजूद पुलिसबल।
आंदोलन दिशाहीन बताकर अलग हो गए
फरीदाबाद के किसानों की बात करें तो यहां के अधिकांश किसानों ने आंदोलन से दूरी बना रखी थी। उनका कहना था कि ये आंदोलन अब दिशाहीन हो गया है। हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डीके सर्मा एवं किसान संघर्स समिति ईस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस के अध्यक्ष राजेश भाटी ने कहा कि आंदोलन दिशाहीन हो गया है। लोगों ने इसे वोट बैंक का जरिया बना लिया। इसलिए हमारा संगठन इस आंदोलन से अलग हो गया है।
दोनों किसान नेताओं ने ये भी कहा कि आंदोलन के अगुआ बने राकेश टिकैत को कानून रद्द करने की जिद छोड़कर संशोधन कराने पर जोर देना चाहिए। किसानों ने कहा कि वह राकेश टिकैत को पत्र लिखकर अपनी जिद छोड़ने और किसानों के हितों की बात सरकार से करने की अपील भी करेंगे।

जाम स्थल पर बैठे कांग्रेसी नेता।
कानून रद्द कराना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
फरीदाबाद के किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान नेताओं का कानून रद्द करने की जिद करना राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। ऐसे में सरकार भी अपनी बात नहीं सुनेगी। हम सभी को मिलकर बीच का रास्ता निकालना चाहिए।