हाईवे बंद: रायपुर में किसानों ने किया चक्काजाम, सड़क पर लगी सैंकड़ों ट्रकों की लाइन, प्रदर्शनकारी बोले- किसान एकता जिंदाबाद

हाईवे बंद: रायपुर में किसानों ने किया चक्काजाम, सड़क पर लगी सैंकड़ों ट्रकों की लाइन, प्रदर्शनकारी बोले- किसान एकता जिंदाबाद


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रायपुरकुछ ही क्षण पहले

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तस्वीर रायपुर की है। रसनी टोल पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से लगा लंबा जाम।

  • रायपुर के आरंग स्थित रसनी टोलनाके के पास प्रदर्शन
  • दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को दिया समर्थन

रायपुर जिले के आस-पास के ग्रामीण इलाकों के अलावा धमतरी, अभनपुर, धमधा जैसे हिस्सों से किसान शनिवार की दोपहर रसनी पहुंचे। यहां बने टोल नाके पर सभी धरना दे रहे हैं। सड़क को जाम कर दिया गया है। किसान नेताओं की कार और ट्रैक्टर सड़क पर खड़े कर दिए गए हैं। पीछे सैंकड़ों ट्रकों की लाइन लग गई है। यातायात बाधित कर दिया गया है। यह सब केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए जा रहे नए कृषि कानूनों के विरोध में हो रहा है। एक सुर में किसान नेता यहां नारे लगाते दिखे- किसान एकता जिंदाबाद…।

सड़क पर बैठकर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

सड़क पर बैठकर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

शहर के बोरियाखुर्द इलाके में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। इन दोनों ही जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। अफसर किसानों से रास्ता खोलने की गुजारिश कर रहे हैं। मगर किसानों का प्रदर्शन जारी है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से जुड़े संगठनों ने शुक्रवार शाम ही चक्काजाम की तैयारी पूरी करते हुए इसका एलान कर दिया था। सिर्फ रायपुर ही नहीं बल्कि बालोद जिला में दल्ली राजहरा, धमतरी, मुंगेली, बिलासपुर, महासमुंद, भिलाई, राजनांदगांव, कोरबा, अम्बिकापुर आदि क्षेत्रों में चक्काजाम किया जा रहा है।

किसानों को आतंकवादी बता रही भाजपा
किसानों का ये चक्काजाम दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को समर्थन है। प्रदर्शन को लेकर किसान नेता वीरेंद्र पांडे, गौतम बंद्योपाध्याय और डॉ संकेत ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार के नाम पर लाए गए 3 कृषि व आम जनता विरोधी बिल की वापसी एवं फसलों के एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर पंजाब हरियाणा व देश के हर हिस्से से विरोध की आवाज बुलंद की जा रही है। हम चाहते हैं कि तीन काले कानून केंद्र सरकार वापस ले। किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को भाजपा द्वारा सुनियोजित ढंग से बदनाम किया जा रहा है । किसानों को आतंकवादी, नक्सली, आदि बताकर अन्नदाता को अपमानित किया जा रहा है ।



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