पहली बार विरोधी बल्लेबाज ने पहना हेलमेट
कपिल देव से पहले किसी भी विरोधी टीम का बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने हेलमेट नहीं पहनता था. कपिलदेव ने 16 अक्टूबर 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट में डेब्यू किया था. जब कपिल दूसरा ओवर डाल रहे थे तो उनकी एक गेंद सादिक मोहम्मद के नाक के बगल से निकल गई. कपिल की इस बॉल से सादिक घबरा गए और उन्होंने खेल रोककर हेलमेट मंगवाई. इसके बाद कपिल की अगली गेंद सादिक की हेलमेट से टकराकर विकेट के पीछे चार रनों के लिए चली गई. इस तरह से भारत को पहला तेज गेंदबाज मिला.
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इस वजह से बने तेज गेंदबाज
जब कपिल 15 साल के थे तो उन्हें मुंबई में एक ट्रेनिंग कैंप में भेजा गया. कैंप भारत के उभरते क्रिकेट सितारों के प्रशिक्षण के लिए लगा था. पहले दिन उन्हें खाने में दो रोटी और एक सूखी सब्जी मिली. यह देखकर कपिल ने खाना खाने से इंकार कर दिया. इसके बाद वह कैंप मैनेजर केके तारापुर के कमरे में पहुंचे. कपिल ने तारापुर से कहा कि इस खाने से उनका काम नहीं चलेगा. तारापुर जोर से हंसते हुए बोले कि एक दिन पहले ही तुम आए हो, तुम शिकायत करने लगे…यूनियन बना ली और इसके लीडर भी बन गए. बताओ क्या दिक्कत है. कपिल देव ने कहा कि सर मैं फास्ट बॉलर हूं और दो रोटी से मेरा काम नहीं चलेगा. इस पर तारापुर ने कहा कि रोटी तो तुम्हें और मिल जाएगी लेकिन एक बात समझ लो कि भारत में 40 साल में कोई फास्ट बॉलर पैदा नहीं हुआ है. कपिल के आंखों में आंसू आ गए और उसी समय उन्होंने तय किया कि वह भारत के सबसे तेज गेंदबाज बनेंगे.
बाथरुम में नहा रहे थे कपिल और गिर गए 5 विकेट
कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप के दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों की पारी खेली थी जो वनडे क्रिकेट की सबसे बेहतरीन पारियों में एक गिनी जाती है. इस मुकाबले में टीम इंडिया ने महज 17 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन कपिल देव ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 138 गेंदों में 175 रन ठोक डाले, जिसके दम पर भारत ने 60 ओवर में 266 रनों का स्कोर खड़ा किया और मैच भी 31 रनों से जीता. कपिल देव ने अपनी इस पारी के बारे में बताया था कि जब टीम इंडिया बल्लेबाजी कर रही थी तो वो नहाने गए थे लेकिन जबतक उन्होंने साबुन लगाया भारत ने 5 विकेट गंवा दिए. इसके बाद वो आनन-फानन में क्रीज पर पहुंचे और ऐतिहासिक पारी खेल डाली. हालांकि कपिल देव की इस पारी की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं हो सकी, क्योंकि उस वक्त इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के प्रसारणकर्ता बीबीसी की हड़ताल थी. हालांकि कपिल को इसका कोई पछतावा नहीं है.
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नाराज वेंगसरकर को दिया अपना मैन ऑफ द मैच
1986/87 में कपिल देव (Kapil Dev Birthday) ने कटक टेस्ट के दौरान शानदार गेंदबाजी करते हुए अपने 300 विकेट पूरे किए. इस मुकाबले में दिलीप वेंगसरकर ने 166 रनों की पारी खेली. मैच के बाद कपिल देव को मैन ऑफ द मैच चुना गया वहीं दिलीप वेंगसरकर को मैन ऑफ द सीरीज. हालांकि वेंगसरकर इस फैसले से नाराज हो गए और उन्होंने अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया. दरअसल वेंगसरकर का मानना था कि मुश्किल पिच पर 4 विकेट लेने से ज्यादा 166 रन बनाने वाले को मैन ऑफ द मैच मिलना चाहिए था. वेंगसरकर की नाराजगी देख कपिल देव ने अपना अवॉर्ड वेंगसरकर को दे दिया था.
ऐसा रहा कपिल देव का करियर
अपने 16 साल के करियर में कपिल देव ने 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए. साथ ही 8 शतकों की बदौलत 5248 रन बनाए. वह 400 विकेट लेने वाले और 5 हजार रन बनाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं. इसके अलावा अपने टेस्ट करियर में उन्होंने सिर्फ 20 बार नो बॉल फेंकी. कपिल देव विकेटों के बीच तेज भागने के लिए मशहूर थे. 184 टेस्ट पारियों में वह कभी रन आउट नहीं हुए. कपिल देव ने भारत की ओर से कुल 225 वनडे मैच खेले और 27.45 की औसत से 253 विकेट झटके हैं. बल्लेबाजी में उन्होंने 95.07 की स्ट्राइक रेट से 3783 रन बनाए हैं. वनडे क्रिकेट में सबसे पहले 200 विकेट लेने का कारनामा कपिल देव ने किया था.