अजमेर दरगाह का 809 वां उर्स: साल में केवल 4 बार, लेकिन उर्स में सबसे ज्यादा 6 दिन के लिए खुलता है जन्नती दरवाजा

अजमेर दरगाह का 809 वां उर्स: साल में केवल 4 बार, लेकिन उर्स में सबसे ज्यादा 6 दिन के लिए खुलता है जन्नती दरवाजा


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अजमेरएक मिनट पहले

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अजमेर दरगाह का जन्नती दरवाजे पर मन्नत के धागे बांधते जायरीन

  • उर्स की शुरूआत चांद दिखाई देने पर 12 या 13 फरवरी 2021 से हो जाएगी, 22 फरवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ होगा समापन
  • एक दिन ईद उल फितर, एक दिन बकरा ईद और एक दिन हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स पर खोला जाता है जन्नती दरवाजा

सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स की शुरूआत चांद दिखाई देने पर 12 या 13 फरवरी 2021 से हो जाएगी। चांद रात को तड़के 4 बजे जन्नती दरवाजा खुल जाएगा। सालभर में जन्न्ती दरवाजा चार बार खोला जाता है लेकिन उर्स में सबसे ज्यादा 6 दिन के लिए खुलता है।

इसके बाद एक दिन ईद उल फितर के मौके पर, एक दिन बकरा ईद के मौके पर और एक दिन ख्वाजा साहब के गुरु हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स के मौके पर यह दरवाजा खुलता है। परंपरा के अनुसार जन्नती दरवाजा उर्स में आने वाले जायरीन के लिए खोला जाता है। इसी परंपरा के अनुसार यह दरवाजा कुल की रस्म के बाद 6 रजब को बंद कर दिया जाता है।

साल भर बांधते है मन्नत का धागा

जन्न्ती दरवाजे पर साल भर जायरीन मन्नत का धागा बांधते है। जन्नती दरवाजा खुलने के बाद से ही जायरीन की आवक बढ़ जाती है। दरगाह जियारत को आने वाले जायरीन जन्नती दरवाजा से जियारत करने के लिए बेकरार नजर आते है। जायरीन सिर पर मखमल की चादर और फूलों की टोकरी लिए अपनी बारी का इंतजार करते है।

उर्स कार्यक्रम : एक नजर

गरीब नवाज के उर्स की शुरूआत चांद दिखाई देने पर 12 या 13 फरवरी 2021 से हो जाएगी। चांद रात को को तड़के 4 बजे जन्नती दरवाजा खुल जाएगा। यदि शाम को रजब महीने का चांद नजर आ गया तो रात से ही उर्स की रस्मों का आगाज शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही प्रतिदिन मजार शरीफ को गुस्ल देने और महफिल की रस्मों का आगाज हो जाएगा। 19 फरवरी को गरीब नवाज की छठी होगी और इसी दिन कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा। जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा। छठी के दिन ही इस बार जुमा भी आ रहा है। ऐसे में आशिकान ए ख्वाजा जुमे की नमाज भी छठी के दिन ही अदा करेंगे। बड़े कुल की रस्म 22 फरवरी को अदा की जाएगी। खुद्दाम ए ख्वाजा की ओर से बड़े कुल की फातिहा होगी और उर्स का विधिवत समापन हो जाएगा।



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