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उज्जैनकुछ ही क्षण पहले
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उज्जैन का आरडी गार्गी मेडिकल कॉलेज।
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है। अस्पताल में रोजाना निकलने वाले बायो वेस्ट के निस्तारण के उचित प्रबंध नहीं है। प्रबंधन मेडिकल वेस्ट खुले में फिकवा रहा है। जो लोगों को संक्रमित कर सकता है।
लापरवाही की मिल रही शिकायतों पर शनिवार को निगम ने आरडी गार्डी कॉलेज पर शनिवार को कार्रवाई की। एमआर-5 पर निरीक्षण में सामने आया कि हॉस्पिटल से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे के साथ ट्रॉली में भरकर फेंकने के लिए भेजा जा रहा था। संक्रमित करने वाले कचरे काे आम कचरे में मिलता देख निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी पुरुषोत्तम दुबे और संजय कुलश्रेष्ठ ने प्रबंधन को लताड़ भी लगाई। लापरवाही करने पर निगम ने मेडिकल कॉलेज पर 50 हजार रुपए की चालानी कार्रवाई की।
इंसीनरेटर में नष्ट करने का नियम पालन नहीं करता कॉलेज प्रबंधन
निगम टीम को कूड़े के साथ पटि्टयां, सीरिंज, बोतल, टिश्यू आदि कचरे का ढेर पड़ा मिला है। स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के अनुसार अस्पतालों व नर्सिंग सेंटरों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को इंसीनरेटर में नष्ट किया जाता है। इसके लिए सागर में इंसीनरेटर प्लांट बनाया गया है। मेडिकल वेस्ट में विभिन्न बीमारियों के वायरस सहित दवाइयांे व अन्य खतरनाक चीजों के अंश होते हैं। इसलिए इसे काफी सुरक्षित तरीके से इंसीनरेटर में नष्ट किया जाता है। इससे जहरीला धुआं तो निकलता ही है, इसके साथ ही जलने के बाद जो राख निकलती है, उसे भी सुरक्षित जमीन में दबाने का नियम है ताकि इसके संपर्क में कोई न आए। बायोवेस्ट सामग्री के कारण कभी भी किसी को हानि पहुंच सकती है।