कार्रवाई: कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर डॉक्टरों की मीटिंग करने वाले सीएमएचओ के खिलाफ चार्जशीट तैयार की

कार्रवाई: कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर डॉक्टरों की मीटिंग करने वाले सीएमएचओ के खिलाफ चार्जशीट तैयार की


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सीकरकुछ ही क्षण पहले

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  • सीएमएचओ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- संभागीय आयुक्त व्यक्तिगत द्वेष और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं

कोरोना काल में गाइडलाइन का उल्लंघन कर झुंझुनूं बाईपास स्थित निजी होटल में 30 दिसंबर को जिले के डॉक्टरों की मीटिंग करने वाले सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी के खिलाफ कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने चार्जशीट तैयार कर ली हैं। चार्जशीट अप्रूवल के लिए संभागीय आयुक्त के पास भेजी जाएगी। संभागीय आयुक्त से अप्रूवल के बाद चार्जशीट दी जाएगी। इधर सीएमएचओ ने शुक्रवार रात को सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। जिसमें लिखा- डीसी व्यक्तिगत द्वेष और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। इसलिए मीटिंग में उन्होंने टीका टिप्पणी की।

दरअसल 30 दिसंबर को सीएमएचओ ने गाइडलाइन का उल्लंघन कर एक होटल में डॉक्टरों की मीटिंग की। मामले की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने एसडीएम से जांच कराई। जांच में सामने आया कि सीएमएचओ ने मीटिंग के लिए कोई परमिशन नहीं ली थी। कलेक्टर ने सीएमएचओ को दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया। संभागीय आयुक्त ने भी इसे गंभीर लापरवाही माना। कलेक्टर को मामले में सीएमएचओ को चार्जशीट देने के लिए निर्देश दिए।

कलेक्टर बोले-पोस्ट की जानकारी नहीं, सर्विस रूल्स का उल्लंघन है तो कार्रवाई होगी

सीएमएचओ द्वारा सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट के संबंध में भास्कर ने कलेक्टर से सवाल किया। कलेक्टर ने कहा सीएमएचओ ने सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट डाली है, उन्हें जानकारी नहीं है। सीएमएचओ ने डीसी के संबंध में कुछ लिखा है तो जानकारी लेंगे। इसके बाद सर्विस रूल्स के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

वैक्सीनेशन के दौरान मुख्यालय छोड़ा तो कार्रवाई

कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीनेशन चल रहा है। वैक्सीनेशन के दौरान सतर्कता जरूरी है। इसलिए डॉक्टर बिना परमिशन मुख्यालय नहीं छोड़े। कलेक्टर ने बताया कि सीएमएचओ ने उनसे रविवार को मुख्यालय छोड़ने की परमिशन नहीं ली हैं। गौरतलब है कि सीएमएचओ ने सोशल मीडिया पर ही पोस्ट डालकर डॉक्टरों को जयपुर मीटिंग में बुलाया है।

चार्जशीट की 7 वजह : 5 हॉस्पिटलों का निरीक्षण करना था, 1 जगह भी नहीं गए मॉनिटरिंग नहीं की, इसलिए स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी के नाम पर वसूली होती रही

  • 29 जनवरी को संभागीय आयुक्त ने आदेश जारी किया। 5 फरवरी को समस्त संभाग,जिला और ब्लाॅक स्तर के अधिकारियों को फाॅलोअप विजिट करनी थी। इसमें 5 संस्थानों का निरीक्षण आवश्यक था। निरीक्षण की सूचना गूगल फाॅर्म में भरकर सबमिट करनी थी। लेकिन सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने एक भी निरीक्षण नही किया। सप्ताह में 2 बार निरीक्षण किए जाने निर्देशों की भी अवहेलना।
  • डॉ अजय चौधरी के पर्यवेक्षण में खामी के चलते स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी के नाम पर खुलेआम वसूली होती रही। वे स्टाफ को नियम विरुद्ध डेपुटेशन पर भेजते रहे। निशुल्क दवा और जांच योजना में भी ढिलाई बरतते रहे। स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को जरुरी सुविधाए भी नही मिली। लेकिन सीएमएचओ ने ध्यान नहीं दिया।
  • दरअसल 30 दिसंबर को सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी ने कोरोना गाइडलाइन व नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन कर झुंझुनूं बाईपास स्थित होटल में डॉक्टरों की मीटिंग की। मीटिंग शाम से रात तक चली। मीटिंग में सोशल डिस्टेंस व मास्क के नियम का उल्लंघन हुआ।
  • राज्य सरकार और उच्च अधिकारियों के बारे में सोशल मीडिया में अपशब्द लिखना। इनमें गैरशालीन और असंसदीय भाषा का प्रयोग करना। यह कृत्य आचरण नियम वह आईटी अधिनियम का उल्लंघन है।
  • ऑफिस में ड्यूटी समय के दौरान फेसबुक और व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया का उपयोग करना। उन पर राजकार्य के अलावा अन्य अनाप-शनाप मैसेज करना।
  • नियमों में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी राजकीय अधिकारी और कर्मचारी सभी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेगा। राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रहेगा। लेकिन सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी बराबर ऐसी नियम विरुद्ध गतिविधियों में भाग लिया जाता रहा है।
  • संभागीय आयुक्त ऑफिस ने 15 दिसंबर 2020 को राज्य की योजनाओं की निगरानी व पर्यवेक्षण के लिए विभागों व अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जिसके अंतर्गत जयपुर डिवीजन मेडिकल विभाग व्हाट्सएप ग्रुप का भी गठन हुआ था। सीएमएचओ के निर्णय के बाद ग्रुप के नियम संख्या 1 व 10 का उल्लंघन किया। सामान्य शिष्टाचार व शालीनता का ध्यान न रखते हुए अनर्गल व असंसदीय भाषा का उपयोग करते हुए व डॉक्टर को कार्य से विमुख करने के लिए उकसाने वाला पोस्ट डाला। साथ में कुछ फोटो और वीडियो भी डालें जो कि ग्रुप के गठन के उद्देश्यों के विपरीत थे। राजकार्य में बाधा पहुंचाने के लिए उकसाने वाले थे जिसके फलस्वरूप उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया।



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