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भोपाल5 घंटे पहले
मां नंदा देवी राज जात यात्रा पर लगी एग्जीबिशन को देखती महिलाएं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल द्वारा मां नंदा देवी राज जात हिमालय की देवी की अनुष्ठानिक विदाई पर केन्द्रित एक प्रदर्शनी का उदघाटन शिव शेखर शुक्ला (आईएएस), प्रमुख सचिव, संस्कृति, पर्यटन एवं जनसम्पर्क विभाग ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा यह प्रदर्शनी स्थानीय लोगों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन, उनके धार्मिक विश्वास, अनुष्ठानिक प्रस्तुतियों और तीर्थ यात्रा से जुड़े आध्यात्मिक और भावनात्मक संबंधों को दर्शाती है।
मां नंदा देवी राज जात हिमालय की देवी की अनुष्ठानिक विदाई पर केन्द्रित एक प्रदर्शनी का उदघाटन करते अधिकारी।
इस सम्बन्ध में संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि पवित्र हिमालय में स्थित पर्वत श्रृंखलाएं और उनकी चोटियां अपनी महान शक्ति से प्रकृति के तत्वों को नियंत्रित करने वाले देवी-देवताओं का घर मानी जाती हैं। भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी गढ़वाल और कुमाऊं की एक प्रमुख देवी भी हैं।

एग्जीबिशन को देखते पर्यटक।
नंदा देवी पर्वत के इर्द-गिर्द 19 विश्राम स्थलों के साथ लगभग 280 किलोमीटर लंबी नंदा देवी राज जात सबसे कठिन तीर्थ यात्रा है। यह पूरी यात्रा एक अनुष्ठानिक विदाई है जिसमें नंदा देवी को चमोली जिले के नौटी गांव स्थित उनके पैतृक आवास से होमकुंड स्थित उनके पति के घर ले जाया जाता है।

एग्जीबिशन में फोटोग्राफ्स देखती पर्यटक।
चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर क्षेत्र में नंदा जात हर वर्ष आयोजित की जाती है जिसमें देवी की पालकी की शोभायात्रा निकाली जाती है। नंदा देवी राज जात 12 वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है जिसमें एक चार सींग वाला मेढ़ा “चौसिंगा खाड़ू”, जिसे देवी का अवतार माना जाता है, पथ प्रदर्शित करता है स्थानीय देवी-देवता और पूरे क्षेत्र के नागरिक इस यात्रा में पूर्ण भक्ति और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
इस प्रदर्शनी के बारे में प्रदर्शनी के संयोजक डॉ. आरएम नयाल ने बताया, मध्य हिमालयी संस्कृति तथा नंदा देवी राज जात पर केंद्रित इस प्रदर्शनी में कुछ दुर्लभ छायाचित्र तथा बहुविध वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।