झारखंड के बेटे की महाराष्ट्र में हत्या: सगाई के बाद ड्यूटी ज्वॉइन करने निकला था नाैसैनिक, मई में होनी थी शादी

झारखंड के बेटे की महाराष्ट्र में हत्या: सगाई के बाद ड्यूटी ज्वॉइन करने निकला था नाैसैनिक, मई में होनी थी शादी


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पलामू18 मिनट पहले

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सूरज दूबे ने अगस्त, 2012 में नेवी ज्वॉइन किया था। (फाइल)

  • पलामू के रहने वाले नाैसैनिक सूरज दुबे काे महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया गया

पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के काेल्हुआ निवासी नाैसैनिक सूरज दुबे (24) की इसी साल मई में शादी होने वाली थी। 15 जनवरी को सगाई हुई और इसके बाद वो ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए काेयम्बटूर जाने के लिए घर से निकला था। पिता और एक परिजन घटना की सूचना के बाद मुंबई रवाना हो गए हैं। बताते चलें कि नाैसैनिक सूरज दुबे काे महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया गया। गंभीर रूप से झुलसे सूरज की शनिवार काे मुंबई में माैत हाे गई। जांच में पता चला कि उनका चेन्नई से अपहरण कर लिया गया था। उन्हें छाेड़ने की एवज में 10 लाख रुपए की फिराैती मांगी गई थी। परिजनाें के मुताबिक सूरज छुट्टी पर घर आए थे। 30 जनवरी काे वापस ड्यूटी पर काेयम्बटूर जाने के लिए घर से निकले थे।

सूरज की गढ़वा के अटोला में शादी तय की गई थी

मृतक के बड़े भाई नीरज कुमार दूबे ने बताया कि सूरज दुबे ने ज्ञान निकेतन से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। सूरज के पिता मिथिलेश दूबे पेशे से किसान हैं। तीन भाई-बहनाें में सूरज सबसे छाेटा था। अगस्त, 2012 में नेवी ज्वॉइन किया था। उनकी ट्रेनिंग ओडिशा के चिल्का में हुई। पहली पोस्टिंग मुंबई में हुई। इसके बाद वो कोच्ची में तैनात रहे। फिर काेयम्बटूर में पोस्टिंग पर थे। सूरज की गढ़वा के अटोला में शादी तय की गई थी। सूरज के साथी पंडित राज दुबे ने बताया कि वो काफी तेज तर्रार लड़का था। गलत संगत से दूर ही रहता था। इधर, सूरज की हत्या के बाद गांव में आक्रोश है और रविवार शाम को न्याय की मांग पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। ग्रामीणों ने CBI जांच की मांग की है।

सूरज दूबे के पुराने घर के पास जुटे ग्रामीण।

सूरज दूबे के पुराने घर के पास जुटे ग्रामीण।

31 जनवरी से दोनों फोन बंद मिले

नीरज कुमार दूबे ने बताया कि सूरज 2 जनवरी को छुट्‌टी पर घर आए थे। 30 जनवरी को पुन: ड्यूटी पर जाने के लिए बस से रांची गए। रांची से शाम 4.15 बजे हैदराबाद की फ्लाइट से रवाना हो गए। हैदराबाद पहुंचने के बाद सूरज की अपनी मां से भी बात हुई थी। उसने बताया था कि कुछ देर में यहां से चेन्नई के लिए फ्लाइट है। रात में फिर उन्होंने कॉल नहीं किया। अगले दिन 31 जनवरी को फोन किया गया तो सूरज के दोनों मोबाइल नंबर बंद मिले। इसके बाद उनके काेयम्बटूर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर को सूरज के बारे में जानकारी दी गई। सूरज की रिपोर्टिंग का समय 1 फरवरी सुबह 8 बजे था। रिपोर्टिंग नहीं करने के बाद परिजनों ने चैनपुर थाना में सूरज की गुमशुदगी की जानकारी दी।

सूरज 2 जनवरी को छुट्‌टी पर घर आया था। (फाइल)

सूरज 2 जनवरी को छुट्‌टी पर घर आया था। (फाइल)

पिता के मोबाइल पर धर्मेंद्र का फोन आया था

नीरज कुमार ने बताया कि जब सूरज घर से काेयम्बटूर जाने के लिए निकले थे तो पिता के मोबाइल नंबर पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम धर्मेंद्र बताया और खुद को काेयम्बटूर के INS अग्रणी में कार्यरत होने की जानकारी देकर पूछा था कि सूरज घर से निकला है या नहीं। पिता ने जब धर्मेंद्र से पूछा कि आपके पास मेरा नंबर कहां से मिला तो उसने कहा-यहां सबका नंबर रहता है। वहीं, नीरज ने बताया कि पलामू पुलिस द्वारा सूरज के दोनों नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो पता चला कि 21 जनवरी से 30 जनवरी तक सूरज की सबसे ज्यादा बात और मैसेज धर्मेंद्र से ही हुई है।

30 जनवरी काे हुआ था अपहरण
वहीं, महाराष्ट्र के पालघर के एसपी दत्तात्रय शिंदे ने बताया कि सूरज का 30 जनवरी काे रात नाै बजे चेन्नई एयरपाेर्ट से बाहर आते ही तीन लाेगाें ने अपहरण कर लिया। तीन दिन तक उन्हें चेन्नई में रखा। फिर 1400 किमी दूर पालघर ले गए। वहां से फिराैती मांगी गई। शुक्रवार काे अपहर्ता उन्हें पालघर के जंगल में ले गए। हाथ-पैर बांध दिया और पेट्राेल डालकर आग लगा दी। तभी एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दे दी। मुंबई के अस्पताल में सूरज ने पुलिस को अपहरण की बात बताई।



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