मध्य प्रदेश
के सतना में वलेचा परिवार की इकलौती बेटी दीपा की शादी की, इसमें परिवार वालों ने दीपा को घोड़ी पर चढ़ने की ख्वाहिश पूरी की.
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मध्य प्रदेश के सतना में वलेचा परिवार की इकलौती बेटी दीपा की शादी की, इसमें परिवार वालों ने दीपा को घोड़ी पर चढ़ने की ख्वाहिश पूरी की. सतना से कोटा के लिए रवाना हुई है वलेचा परिवार की बेटी की बारात. जिसने भी ये दृश्य देखा, वह देखता ही रह गया.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 7, 2021, 12:31 PM IST
सतना के वालेचा परिवार ने घोड़ी पर चढ़ने की बेटी की न केवल ख्वाहिश पूरी की है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया है कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं, बेटा और बेटी में कोई अंतर भी नहीं, जितना अधिकार समाज मे बेटों को है उतना ही अधिकार बेटियों को भी दिया जाए. सतना के कृष्ण नगर इलाके में रहने वाले नरेश बलेजा की इकलौती बेटी दीपा की शादी का यह सीन जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया, नजारा ही कुछ ऐसा था की दुल्हन घोड़ी पर सवार थी और बारात दूल्हे के घर रवाना हो रही थी, इस दौरान घोड़ी के आसपास पूरा परिवार डांस कर खुशी मना रहा था.
दीपा की शादी कोटा में रहने वाले एक परिवार में तय हुई, बेटी की ख्वाहिश थी कि वह बेटों की तरह घोड़ी पर बैठ कर अपने दूल्हे के घर जाए, इस ख्वाहिश को परिवार ने पूरा किया है, यही नहीं परिवार बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझता अपनी बेटी की शादी वह एक बेटे की तरह धूमधाम से करना चाहते थे, लिहाजा बड़े धूमधाम के साथ बेटी की बारात निकाली गई.परिवार की माने तो कई सालों बाद उनके परिवार में एक बेटी हुई है. वे अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करती है. अक्सर समाज में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है. लिहाजा वह अपनी बेटी की बारात निकाल कर समाज को यह मैसेज देना चाहती हैं कि बेटियों का सम्मान करें क्योंकि बेटी है तो कल है. आज भी हमारे समाज में कुछ कुरीतियां मौजूद जो बेटियों को बोझ समझती है। दीपा की शादी उनके लिए एक संदेश है जो बेटियों को बोझ समझते हैं. समाज के लिए यह सीख भी है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होता जितना अधिकार बेटे को है उतना ही अधिकार बेटी को समाज में देना चाहिए.