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- Modern Facility For Treatment And Investigation Of All Diseases Related To Breathing Will Be Found Under One Roof
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भोपालएक घंटा पहले
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गांधी मेडिकल कॉलेज से पल्मोनरी विभाग शिफ्ट होगा नए बनने वाले रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज में
- इंस्टीट्यूट के लिए 56 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृति, चार मंजिला नई बिल्डिंग होगी तैयार
- श्वास संबंधी बीमारी का राज्य स्तर का पहला अस्पताल होगा
भोपाल का ईदगाह हिल्स स्थित टीबी अस्पताल अब राज्य स्तर के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज में परिवर्तित करने की तैयारी तेज हो गई है। यह प्रदेश का पहला इंस्टीट्यूट होगा जहां श्वास से संबंधित सभी बीमारियों के इलाज और जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। अभी यहां पर सिर्फ टीबी का इलाज होता है। श्वास से संबंधित कई बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को दिल्ली समेत दूसरे राज्य जाना पड़ता है। नए इंस्टीट्यूट के बनने के बाद प्रदेश की जनता को भोपाल में ही श्वास से संबंधित सभी बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।
दो साल में बनकर होगा तैयार
इंस्टीट्यूट के लिए करीब 56 करोड़ रुपए में चार मंजिला नई बिल्डिंग तैयार की जाएगी। इसमें एक ही छत के नीचे वेंटिलेटर, एक्सरे, पैथलॉजी, रेडियोलॉजी, अल्ट्रासाउंट, मेडिसिन समेत सभी सुविधा उपलब्ध होगी। यह इंस्टीट्यूट दो साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
इलाज की आधुनिक सुविधा
इंस्टीट्यूट में आधुनिक एंडोक्राइन अल्ट्रासाउट मशीन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए है। इस तरह की दूसरी अन्य मशीनें भी स्थापित होगी। वहीं, गांधी मेडिकल कॉलेज से पल्मोनरी डिपार्टमेंट नए बनने वाले सेंटर में शिफ्ट होगा।
“रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है। यहां पर आधुनिक चिकित्सा के साथ ही श्वास से संबंधित सभी बीमारियों के इलाज की सुविधा होगी। ”– एके जैन, अधीक्षक, टीबी अस्पताल, भोपाल