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लखनऊकुछ ही क्षण पहले
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डॉक्टर माधव प्रसाद तिवारी।- फाइल फोटो
- शुक्रवार रात लखनऊ के विभूतिखंड में डॉक्टर पिता-पुत्र ने की थी खुदकुशी
राजधानी लखनऊ के विभूति खंड में शुक्रवार की रात रिटायर्ड पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद तिवारी व उनके बेटे डॉ. गौरव तिवारी ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर लिया था। शनिवार को हुए पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट आ गई है। माधव प्रसाद व उनके डॉक्टर बेटे गौरव के शरीर में अलग-अलग तरह का जहर मिला है। यह भी खुलासा हुआ है कि पिता के कुछ देर बाद बेटे गौरव तिवारी की मौत हुई थी। दोनों का विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
पिता ने खाया था सल्फाश
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, पिता माधव प्रसाद तिवारी के शरीर में सल्फास पाया गया है। वहीं बेटे गौरव तिवारी के शरीर में अलग तरीके के जहर मिला है। दोनों की मौत में अंतर होने की बात सामने आई है। विसरा जांच के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो अलग-अलग जहर मिले हैं।
क्या है पूरा मामला?
फर्रूखाबाद के रहने वाले माधव कृष्ण तिवारी (75) लखनऊ में विभूतिखंड थाना क्षेत्र के 4/242 वैभव खंड में रहते थे। वे रायबरेली जनपद से रिटायर हुए थे। उनका बेटा गौरव तिवारी रायबरेली जिले में सरकारी डॉक्टर था। शनिवार को पुलिस जब मकान के भीतर गई तो उन्हें दोनों के शव अलग-अलग कमरों में बेड पर मिले। पुलिस को गौरव के कमरे से तीन सुसाइड नोट मिले थे। जिसमें लिखा था कि अब नहीं सहा जाता‚ जीना बेकार है। पत्नी के लिए लिखे सुसाइड नोट में डॉ. गौरव ने छोटे भाई निशित को कुछ जिम्मेदारी सौंपी थी। लिखा था कि हम अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रहे हैं। तुम परिवार का ख्याल रखना। गौरव ने अपनी पत्नी को सारा सामान दिलाने के लिए भी लिखा था। पत्नी को लिखा कि तुम मेरे जगह नौकरी कर लेना और जीजा से कहा कि आप मेरी पत्नी का सारा सामान वापस करवा देना और भाई निशित की मदद करना।