कौन होते हैं गिग वर्कर्स – गिग वर्कस मुख्त तौर पर ई-कॉमर्स कंपनी और ऑनलाइन फूड प्रोवाइड करने वाली कंपनियों के लिए काम करते है. इन वर्कर्स की कोई मासिक सैलरी नहीं होती. गिग वर्कर्स को कंपनियां काम के आधार पर भुगतान करती है. आपको बता दें इस समय देश में तकरीबन 12 लाख से ज्यादा गिग वर्कर्स काम कर रहे है. जिनको बुनियादी सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों का सामाजिक सुरक्षा का प्रस्ताव दिया था. जिसे सभी कंपनियों ने स्वीकार कर लिया है.
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गिग वर्कर्स को कैसे मिलेगा लाभ – ऑनलाइन कंपनियों के द्वारा बनाए गए सामाजिक सुरक्षा कोष के बाद गिग वर्कर्स को श्रमिक चिकित्सा, मातृत्व, विकलांगता जैसी स्थिति में लाभ दिया जाएगा. वहीं श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार अब गिग वर्कर्स भी ESIC अस्पताल का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि श्रम मंत्रालय ने इसके लिए सभी नियमों को तैयार कर लिया है. जिसकी अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी.
सामाजिक सुरक्षा कोष में कंपनियां कैसे करेगी योगदान- श्रम मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार ऑनलाइन कंपनी अपने वार्षिक टर्नओवर का एक प्रतिशत इस कोष में जमा कराएंगी. इसके साथ ही गिग वर्कर्स भी 100 रुपये मासिक का योगदान करेंगे. जिसके जरिए देश भर के गिग वर्कर्स को इंश्योरेंस कवर की सुविधा प्रदान की जाएगी. वहीं उन्होंने बताया कि इस कोष में सरकार की कोई भागीदारी नहीं होगी.
गिग वर्कर्स की डिटेल्स ऑनलाइन पोर्टल पर होगी दर्ज – सामाजिक सुरक्षा कोष के जरिए सहायता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन कंपनियों को अपने सभी गिग वर्कर्स की वित्त वर्ष की शुरुआत में ऑनलाइन पोर्टल पर सभी जानकारी प्रदान करनी होगी.