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रतलाम3 मिनट पहले
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आशीर्वचन के बाद समाजजनों ने स्वामी जी का किया सम्मान।
- महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा
सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करने की आज महती आवश्यकता है। इस कार्य के लिए मैं लगातार प्रयासरत हूं। जनजागरण के बिना यह अभियान अधूरा है। इस कार्य के लिए व्यापक स्तर पर कार्ययोजना बनाई जा रही है। मेरा प्रयास है कि इस अभियान की शुरुआत धर्मस्व नगरी रतलाम से हो।
यह बात महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने कही। सज्जन क्षत्रिय समाज परिषद राजपूत बोर्डिंग में रविवार को आशीर्वचन देते हुए उन्होंने वर्तमान समय में मनुष्य अपनी दशा और दिशा परिवर्तन करने के लिए निरंतर लगा है किंतु सही दिशा का ज्ञान नहीं होने से निरंतर भटक रहा है। संत समाज हमेशा समाज को सही दिशा प्रदान करता आ रहा है।
उन्होंने कहा कोई भी समाज शक्तिशाली तभी है, जब वह संगठित है। राजपूत समाज अनादि काल से सर्वसमाज के लिए संघर्ष करता आया है। भगवान श्रीराम का जन्म क्षत्रिय कुल में हुआ था किंतु उन्होंने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए शबरी के आश्रम से विजय यात्रा प्रारंभ की थी। क्षत्रिय समाज परिषद के अनुरोध पर उन्होंने भागवत कथा के वाचन की स्वीकृति दी। संस्था के सचिव जीजीसिंह, संस्था उपाध्यक्ष जुझारसिंह जोधा, अभा क्षत्रिय महासभा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्रसिंह बागेड़ी सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।