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खंडवा12 घंटे पहले
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गणेश गोशाला में गो-काष्ठ बनाने की मशीन का उद् घाटन किया गया।
- गो-काष्ठ का शवदाह में होगा उपयोग, लकड़ी की कम आवश्यकता से बचेंगे जंगल-पशुपालन मंत्री पटेल
गो-संवर्धन के लिए केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार काम कर रही है। इसी क्रम में अब पशुपालन विभाग गो-मूत्र से फिनायल बनाकर सरकारी विभागों में सप्लाई करेगा। वहीं गाय के गोबर से तैयार गो-काष्ठ तैयार कर श्मशान में शवदाह के लिए दिए जाएंगे। इससे शवदाह के लिए आवश्यक लकड़ी की उपयोगिता कम होने से जंगलों का संरक्षण होगा।
यह बात पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने श्री गणेश गाेशाला में कही। मंत्री पटेल ने गाेशाला में गो-काष्ठ मशीन एवं गोवंश के इलाज के उपकरण का का उद्घाटन किया। उन्होंने गाेशाला प्रबंधन को आश्वस्त किया कि जो भी उनकी आवश्यकता होगी उसे विभाग व उसके स्थानीय अधिकारी पूरा करेंगे। इस दौरान मंत्री अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर बोले तबियत ठीक नहीं थी, लेकिन मैं इन लोगों का आग्रह टाल नहीं सका। विधायक देवेंद्र वर्मा ने कहा गणेश गाेशाला से गाे सेवा, पर्यावरण की रक्षा व पंचगव्य से वस्तुओं के निर्माण व उपयोग करने की प्रेरणा मिलती रही है।
विधायक नारायण पटेल ने कहा गाेशाला हमें गाय से किस प्रकार हम अधिकाधिक सेवा करते हुए लाभ प्राप्त कर सकते हैं यह प्रेरणा भी देती है। भाजपा जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल ने कहा गाे सेवा राष्ट्र सेवा का पर्याय है। कार्यक्रम में गाेशाला समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल, सचिव रामचंद्र मौर्य, इंजी. अखिलेश गुप्ता, हरीश कोटवाले, धर्मेंद्र बजाज, लोकेंद्रसिंह गौड, मंगलेश तोमर, यशदीप चौरे, सुधांशु जैन, सुनील जैन, ममता बोरसे, हंसमुखी जोशी, शारदा तांदले, प्रमिला एतालकर, प्रशांत मिश्रा, भरत पटेल सहित गौभक्त शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन भूपेन्द्र चौहान तथा आभार आशीष चटकेले ने व्यक्त किया।
नई कृषि उपज मंडी के पास बनेगी 16 एकड़ में गाेशाला
मंत्री पटेल ने कार्यक्रम में नई अनाज मंडी के पास प्रस्तावित 16 एकड़ में नवीन गणेश गाेशाला के मानचित्र का विमोचन किया। नया प्रकल्प में विकसित गणेश गाेशाला परिसर में 2000 से अधिक गाेवंश की सेवा का कार्य होगा।
दिव्यांग युवाओं ने फिल्मी गाने पर दी मंत्री के सामने डांस की प्रस्तुति
पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री पटेल के सामने जिले के दिव्यांग युवाओं ने फिल्मी गाने पर डांस की प्रस्तुति दी। दिव्यांग डांस एकेडमी के राधेश्याम पवार, रवि शुक्ला की प्रतिभा को मंत्री व अतिथियों ने सराहा।
काष्ठ निर्माण : हौदी में डालेंगे गोबर, दूसरी ओर से निकलेगा लठ्ठ के आकार का गो-काष्ठ
गो-काष्ठ निर्माण की मशीन एक प्रकार से आटा चक्की का रूप है, जो बिजली से संचालित होगी। मशीन की हौदी में गोबर डाला जाएगा, जो दूसरी ओर से एक पाइप के रास्ते लठ्ठ के आकार में निकलेगा। इस लठ्ठ के भीतर जगह होगी। जिससे गो-काष्ठ कम धूप में भी जल्दी सूखकर उपयोग में लिया जा सकेगा। यह एक प्रकार से लकड़ी के विकल्प के रूप में उपयोग होगा। गौरतलब है एक शव को जलाने के लिए कम से कम 2.5 से 3 क्विंटल लकड़ी की आवश्यकता होती है। गो-काष्ठ न्यूनतम दर पर मिलेगी। जिससे आर्थिक के साथ पर्यावरण को लाभ मिलेगा।