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भोपाल5 मिनट पहले
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शहर के बाहरी इलाकों में लगे हैं ऐसे बोर्ड
- कृषि भूमि को आवासीय बताकर लोगों को देते हैं धोखा
राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में मेन रोड किनारे बोर्ड लगाकर सस्ते प्लाॅट बेचने की भी जिला प्रशासन के अधिकारी जांच करेंगे। सस्ते प्लाॅटों के चक्कर में कई बार लोग प्रलोभन में फंसकर जमीन लेकर मकान तो बना लेते हैं, लेकिन बाद में पता चलता कि भूमि आवासीय उपयोग के लिए नहीं है। हाल ही में नीलबड़ क्षेत्र में इस तरह के निर्माणों को तोड़ा भी गया था।
भोपाल में इन दिनों बैरसिया रोड, कोलार रोड, नीलबड़, रातीबड़, विदिशा रोड, फंदा, परवलिया, खजूरी, रायसेन रोड सहित आसपास के शहरी क्षेत्रों से लगे इलाकों में लोग निवेश कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि कुछ सालों बाद यहां भी जमीन के रेट तेजी से बढ़ेंगे और उन्हें मुनाफा होगा। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि सड़क किनारे डेढ़ लाख, दो लाख, तीन लाख में सस्ते दराें पर रहवासी क्षेत्र बताकर प्लाॅटिंग की जा रही है।
जबकि, असलियत यह है कि बाहरी क्षेत्रों में मेन रोड के भीतर वाले स्थानों पर जो भूखंड दिए जा रहे हैं वह कृषि भूमि है। अधिकांश जगह इनका डायवर्सन ही नहीं किया गया। इन स्थानों पर मेन रोड पर सस्ते दामों में प्लाॅट बेचने के बोर्ड भी लगाए गए हैं। इसी के साथ कई जगह कैनोपी लगाकर भी लोगों को प्लाॅट बेचने की जानकारी दी जाती है।
तहसीलदार, आरआई करेंगे जांच
अधिकारियों ने बताया कि अब ऐसे बोर्ड पर दिए गए पते की जांच तहसीलदार, आरआई व पटवारी करेंगे। इसी के साथ अगर कहीं केनोपी लगाकर प्लाॅट की जानकारी दी जा रही है तो उसकी भी जांच होगी। यह देखा जाएगा कि वाकई में यह आवासीय भूमि है या नहीं। लोग प्रलोभन में न फंसे इसलिए यह कार्रवाई की जाएगी।
हम जानकारी ले रहे हैं
कई बार कृषि भूमि आवासीय बताकर बेचा दिया जाता है। लोग भी इस दिशा में जागरूक रहें। सस्ते के फेर में ऐसा प्लाॅट न लें जो कृषि भूमि पर हो। जहां अवैध काॅलोनियां और प्लाॅट काटे जा रहे हैं वहां की रिपोर्ट ली जा रही है।
– अविनाश लवानिया, कलेक्टर