महानगर जैसा होगा सिटी रोड नेटवर्क: जाम और न ही गड्ढे रहेंगे, इनर सिटी रिंग रोड सहित चार सड़कें फोरलेन बनेंगी

महानगर जैसा होगा सिटी रोड नेटवर्क: जाम और न ही गड्ढे रहेंगे, इनर सिटी रिंग रोड सहित चार सड़कें फोरलेन बनेंगी


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रतलाम27 मिनट पहले

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फाइल फोटो।

  • 166.78 किमी लंबे प्रस्तावित रोड नेटवर्क पर खर्च होंगे 126.53 करोड़, 2023 तक पूरा करने का टारगेट
  • कॉलोनियों की 3.78 किमी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाएगा, 20 संकरी पुलियाओं का भी चौड़ीकरण होगा

2023 तक सिटी का रोड नेटवर्क महानगर की तरह हो जाएगा। सड़कें चौड़ी होने से जाम नहीं लगेगा। वहीं शहरवासियों को खराब गड्ढेदार सड़कों से होने वाली परेशानी से भी निजात मिल जाएगी। तीन माह में इस पर अमल शुरू हो जाएगा। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है 8.5 किमी लंबा इनर सिटी रिंग रोड, जिसमें से 2.5 किमी लगभग तैयार हो चुका है।

ऑफिसर कॉलोनी से त्रिपोलिया गेट, बाजना बस स्टैंड होकर सैलाना बस स्टैंड तक बाकी 6 किमी लंबे सटी रिंग रोड सहित 6 चार प्रमुख सड़कें फोरलेन में बदलेंगी। सुगम यातायात से 3.78 किमी लंबी 7 प्रमुख सड़कों का फोरलेन की तरह अपग्रेडेशन होगा। पाइप व सीवर लाइन की खुदाई से खराब 153 किमी लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। प्रमुख मार्गों की 20 संकरी पुलियाएं भी चौड़ी होकर नई बनेंगी। इस तरह 166.78 किमी लंबे रोड नेटवर्क को सुधारने में 126.53 करोड़ (लोनिवि के फोरलेन शामिल नहीं) खर्च होंगे।

8.5 किमी इनर सिटी रिंग रोड का स्वरूप

कहां से कहां तक जा रहा -ऑफिसर कॉलोनी ब्रिज-फव्वारा चौक-दो बत्ती चौराहा-सैलाना बस स्टैंड-हाट रोड, बाजना बस स्टैंड-त्रिपोलिया गेट-हाकिमवाड़ा-ऑफिसर कॉलोनी

अब तक बन चुका – ऑॅफिसर कॉलोनी-फव्वारा चौक और दो बत्ती चौराहा-पॉवर हाउस रोड-सैलाना बस स्टैंड

अभी काम चल रहा – दो बत्ती चौराहा से कॉन्वेंट स्कूल तक

लंबाई व लागत – 2.5 किमी, 12.60 करोड़

अब कहां से कहां बनेगा – ऑफिसर कॉलोनी ब्रिज से तलैया-हाकिमवाड़ा-संत रविदास चौक-त्रिपोलिया गेट-बाजना बस स्टैंड-गोशाला रोड-हाट चौराहा-शहीद चौक-सैलाना बस स्टैंड।

लंबाई व लागत -6 किमी, 33 करोड़

प्रोजेक्ट में फिलहाल ये पेंच

अधिकांश सड़कें सघन आबादी क्षेत्र में हैं, ऐसे में चौड़ीकरण का विरोध संभव है।

इनर रिंग रोड सहित अन्य सड़कों और चौराहों पर बहुत अतिक्रमण है, इन्हें हटाना निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

लागत 126 करोड़ रुपए बड़ी राशि है। महामारी से सरकार की माली दशा खराब है।

2023 तक काम शुरू होने में भी संशय है क्योंकि डीपीआर बनाना, मंजूरी लेना, टेंडर निकालना और वर्क आर्डर देकर काम शुरू करवाना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है।

निगम में पहले ही स्टाफ बहुत कम है, ऐसे में 2023 के बजाय 5 से 6 साल लग सकते हैं।

सिटी के रोड नेटवर्क को सुधारा जाएगा। प्लान बना दिया है। मुख्यमंत्री ने मंजूरी भी दे दी है। योजनाबद्ध रहा तो तीन से चार माह में क्रियान्वयन होने लगेगा। -चेतन्य काश्यप, विधायक

सभी प्रमुख और आंतरिक सड़कों का सर्वे कर रोड नेटवर्क प्लान का प्रस्ताव तैयार है। फंड जल्द मिलेगा। कोशिश करेंगे विस्तृत योजना बना टेंडर जल्द काम शुरू कर दें। -सोमनाथ झारिया, आयुक्त नगर निगम



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