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- Sonu Said The Injured Eyewitness In Sihora Accident, The Scene Changed In A Moment, The Blood And Flesh Came On The Face, The Words Were Coming Out Of The Mouth.
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जबलपुरएक घंटा पहले
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सिहोरा बायपास पर हुए हादसे के चश्मदीद सोनू गुप्ता ने रोंगटे खड़े कर देने वाले हादसे के पल को साझा किया।
- रिश्ते में चचेरे भाई थे शेखर-अखिलेश, हादसे में तीनों दोस्तों की अलग-अलग जली चिता
- अखिलेश और सनी पटेल बीकॉम के छात्र रहे थे, सनी भी नानी के घर रह रहा था
मेरी आंखें ये मंजर कभी नहीं भूल पाएंगी। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिला। गाड़ी रुकी, तो मेरे कपड़ों और चेहरे पर खून व मांस के लोथड़े थे। दिमाग सुन्न हो गया था। सूचना देने के लिए मोबाइल निकाला, तो हाथ साथ नहीं दे रहे थे। हमें खुड़ावल के पास से साइड रोड से कस्बे में आना था, लेकिन पता नहीं शेखर और अखिलेश को क्या सूझी कि वाहन को खितौला बायपास की ओर बढ़ा दिया। गाड़ी फ्लाईओवर पर लहराई और सीधे 35 फीट नीचे साइड रोड पर जा गिरी। हादसे के वक्त हम दोस्तों के मुंह से अरे रे रे…शब्द ही निकल पाए। मैं पीछे बैठा था, तो बच गया। दैनिक भास्कर से सिहोरा बायपास पर हुए हादसे के चश्मदीद सोनू ने आपबीती सुनाई, तो खौफ उसके शब्दों से साफ झलक रहा था।
चौक कार्यक्रम में सोनू का लगा था पान का स्टाॅल
सिहोरा वार्ड नंबर आठ निवासी सोनू गुप्ता (27) की सरावगी मोहल्ले में पान की दुकान है। रविवार को शेखर के यहां चौक कार्यक्रम में उसका पान का स्टॉल लगा था। रात करीब 12.30 बजे शेखर ने कहा कि चलो मनसकरा चाय पीकर आते हैं। इसके बाद वह शेखर, अखिलेश ठाकुर, रिंकू माली, व सनी के साथ मनसकरा चले गए थे। रात डेढ़ बजे लौट रहे थे। गाड़ी शेखर चला रहा था। शेखर के पास रिंकू बैठा था। पीछे वाली सीट पर वह, अखिलेश ठाकुर व सनी पटेल बैठे थे। रात डेढ़ से दो बजे के बीच मझौली बायपास ब्रिज के ऊपर पहुंचे थे, तभी अचानक वाहन रेलिंग तोड़ते हुए 35 फीट नीचे साइड रोड पर जा गिरी।

हादसे में क्षतिग्रस्त शेखर की गाड़ी।
मैं कैसे बच गया, ये चमत्कार ही था
हादसे के बाद मैं जल्दी से बाहर से उतरा। देखा तो वाहन बुरी तरह से डैमेज हाे चुका था। शेखर (30), अखिलेश (18) और सनी (21) के सिर बाहर पड़े थे। तीनों के सिर से खून का फव्वारा फूट पड़ा था। ये देखकर दिमाग सुन्न हो गया। तुरंत डायल-100 और फिर सिहोरा थाने को कॉल कर हादसे की सूचना दी। हमे खुड़ावल मोेड़ के पास बने अंडरब्रिज से ही कस्बे में आना था, लेकिन शेखर ने अचानक वाहन खितौला बायपास की ओर बढ़ा दिया। सोनू को हादसे का गहरा सदमा लगा है। वह अब भी ठीक से बात नहीं कर पा रहा।
शेखर व अखिलेश थे चचेरे भाई
सिहोरा वार्ड नंबर छह निवासी शेखर ठाकुर और इसी वार्ड निवासी अखिलेश ठाकुर रिश्ते में चचेरे भाई थे। शेखर की मौत की खबर सुनते ही पत्नी रोशनी ठाकुर बदहवास हो गई। सोमवार काे शेखर का पीएम के बाद शव पहुंचा, तो वह पति के शव से लिपट कर रोती रही। वहीं, उसकी चार वर्षीय बेटी प्राची और तीन वर्षीय बेटी रागिनी भी पापा को उठाने का प्रयास कर रही थीं। तीन भाइयों में सबसे बड़े शेखर के सबसे छोटे भाई ने एक साल पहले आत्महत्या कर ली थी। परिवार में लंबे समय बाद चौक के रूप में खुशी का कार्यक्रम था।
गहरे दोस्त थे अखिलेश व सनी
अखिलेश ठाकुर बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। उसकी मौत से पिता टेमर सिंह ठाकुर का रो-रो कर बुरा हाल था। लटुआ लखनपुर निवासी सनी पटैल (21) की सिहोरा कस्बे में वार्ड नंबर छह में नानी सीताबाई के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था। वह भी अखिलेश के साथ बीकॉम का छात्र रहा था। इसी कारण दोनों में गहरी दोस्ती थी। उसका अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव लटुआ लखनपुर में हुआ।