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- For The First Time In 11 Months, There Was No Death In The State From Corona, Not A Single Infection Was Found In 22 Districts, Infection Rate 1.1%
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भोपालएक मिनट पहले
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अस्पतालों में अब सन्नाटा, बेड खाली
- रविवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण से एक भी मरीज की जान नहीं गई
कोरोना महामारी का दौर वर्ष 2020 में भले ही बुरा बीता हो, लेकिन 2021 का दौर सुखद शुरुआत लेकर आया है। जनवरी में देश को कोरोना की दो वैक्सीन मिलीं। वहीं फरवरी के पहले हफ्ते में एक और अच्छी खबर आ गई। रविवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण से एक भी मरीज की जान नहीं गई। यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी स्टेट हेल्थ बुलेटिन से मिली है।
25 मार्च 2020 के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है, जब प्रदेश में एक भी कोविड मौत नहीं है। बीते 11 महीने से हर दिन कोई न कोई मरीज इस संक्रमण से मर रहा था। कई बार ऐसे मौके भी आए, जब एक मौत हुई, लेकिन शून्य मौत का आंकड़ा पहली बार आया है। 52 में से 22 जिले ऐसे रहे, जहां एक भी संक्रमित नहीं मिला। ज्यादातर जिले ऐसे हैं, जहां एक या दो संक्रमित ही सामने आए।
जबकि प्रदेश में अभी हर दिन 15 हजार से ज्यादा कोरोना सैंपल जांचे जा रहे हैं। हालांकि एक्टिव केस अभी सभी जिलों में हैं। भोपाल में सबसे ज्यादा 625 मरीज भर्ती हैं। बता दें कि प्रदेश में कोरोना से पहली मौत उज्जैन में 25 मार्च को हुई थी, 3820 लोग जान गंवा चुके हैं।
प्रदेश के 6 बड़े हाॅट स्पॉट, जहां कोरोना से मौतें थमीं
इंदौर- 10 दिन से कोविड मरीज की मौत नहीं
खंडवा- 47 दिन से 0 मौतें
जबलपुर- 26 जनवरी से शून्य
ग्वालियर- 4 दिन से जीरो
भोपाल- 2 दिन से मौतें शून्य
खरगोन- 9 जनवरी से 0
(स्रोत : स्टेट हेल्थ बुलेटिन के अनुसार)
अस्पतालों में अब सन्नाटा, बेड खाली
बीते साल सितंबर का महीने कोरोना संक्रमण का सबसे बुरा दौर था। तब प्रदेश में सर्वाधिक 922 मौतें हुई थीं और 64082 संक्रमित मिले थे। हालात अब एकदम अलग हैं। भोपाल के कोविड अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। सितंबर में रहने वाली 8 से 10% की संक्रमण दर अब सिमटकर 1.1% रह गई है।
प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण
प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है। इसमें 2.81 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगेगा। इनमें 26 हजार वर्कर्स भोपाल के हैं। टीकाकरण 8, 10 और 11 फरवरी को होगा।
इन वर्कर्स में स्वास्थ्य, पुलिस, नगरीय प्रशासन, राजस्व विभाग और पंचायत विभाग के वे कर्मचारी हैं, जो कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करते रहे। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि दूसरे चरण के लिए भोपाल में 80 से ज्यादा टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इन पर 16 हजार पुलिसकर्मियों, 5 हजार नगरीय प्रशासन, 3 हजार से ज्यादा रेवेन्यू डिपार्टमेंट व दो हजार पंचायत विभाग कर्मचारियों को टीका लगेगा।
सबसे ज्यादा टीका लगाने वाला भारत तीसरा देश
भारत ने टीकाकरण में इजरायल (54.40 लाख) काे पीछे छाेड़ा है। अब अमेरिका (2.89 कराेड़) और ब्रिटेन (1.20 कराेड़) भारत से आगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में रविवार सुबह 8 बजे तक 57.75 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों काे टीका लग चुका है।
इनमें 53,04,546 स्वास्थ्य और 4,70,776 फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल हैं। देश के 12 राज्याें में दाे लाख या ज्यादा टीके लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 6,73,542 काे टीके लगे हैं। वहीं काेराेना के कुल नए मामलों में इस वक्त 84.83% छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं। केरल में सबसे अधिक 5,942 नए संक्रमित मिले हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 2,768, कर्नाटक में 531 नए मामले सामने आए।
पिछले 24 घंटों में 78 मौतें दर्ज की गई हैं, जाे नाै महीनाें में सबसे कम है। पांच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 69.23% मौतें हुईं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 25 की माैत हुर्ई। जबकि केरल में 16 और पंजाब में 5 माैतें दर्ज की गईं। देश में कोरोना के सक्रिय मरीजाें का आंकड़ा भी डेढ़ लाख से कम (1,48,766) हुआ है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके का कोरोना के अफ्रीकी स्वरूप पर असर कम : ब्रिटिश दवा निर्माता एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ विकसित उसका टीका कोरोना के अफ्रीकी स्वरूप (स्ट्रेन) पर कम कारगर रहा है। एक परीक्षण के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी दी गई है। करीब 2000 लाेगाें पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि टीका इस स्ट्रेन से सीमित सुरक्षा ही प्रदान करता है।
अफगानिस्तान को भेजे टीके के पांच लाख डोज : भारत ने मानवीय सहायता के तहत रविवार को एयर इंडिया के विमान से अफगानिस्तान काे काेराेना टीके भेजे। अफगानिस्तान ने पिछले महीने कहा था कि भारत से उसे कोरोनो टीके की 5 लाख खुराक मिलेगीं। भारत ने अब तक भूटान, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों को स्वदेश निर्मित कोरोना टीके की आपूर्ति की है।