Gwalior: इसलिए हुई थी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चचेरे भाई-भाभी की हत्या, पुलिस ने खोला ये राज

Gwalior: इसलिए हुई थी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चचेरे भाई-भाभी की हत्या, पुलिस ने खोला ये राज


ग्वालियर. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चचेरे भाई-भाभी की हत्या लूट के लिए हुई थी. पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड को ग्वालियर के देव शर्मा, विशन सिंह भदौरिया, रोहित वाल्मीक और सुभाष अहिरवार ने अंजाम दिया था. देव शर्मा को तो ग्रेटर नोएडा पुलिस ने दो दिन पहले ग्वालियर से उठा लिया था. बाकी तीन हत्यारों को रविवार तड़के ग्रेटर नोएडा के चूहडपुर अंडरपास पर घेर लिया.

बचने के लिए बदमाशों ने पुलिस पर गोलियां भी चलाईं. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विशन सिंह भदौरिया के पैर में गोली लगी. वह गिर पड़ा, जबकि, दो बदमाश भाग निकले. घायल विशन को ग्रेटर नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि हत्या करने के बाद चारों भागकर ग्वालियर आ गए. यहां देव तो घर पर रह गया, जबकि तीन बदमाश यहां से भी भाग निकले.

ये थी पुलिस की कारगर प्लानिंग

ग्रेटर नोएडा के अपर पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर) लव कुमार ने बताया कि नाथ दंपती की हत्या के बाद सबसे पहले उन लोगों की सूची तैयार की गई, जिनका उनके घर आना-जाना था. इसमें रोहित वाल्मीक (अलीगढ़), देव शर्मा (निवासी गोवर्धन कॉलोनी ग्वालियर), विशन सिंह भदौरिया (निवासी सैनिक कॉलोनी ग्वालियर) और सुभाष अहिरवार (महोबा) के नाम सामने आए. दरअसल, नरेंद्रनाथ के साथ यह लोग शराबखोरी भी करते थे.मोबाइल लोकेशन मिलने से सर्च का रास्ता साफ हुआ

इनके मोबाइल की कॉल डिटेल और घटना के दिन की लोकेशन निकाली गई तो लोकेशन घर पर मिली. इनकी लगातार आपस में बात हुई और नरेंद्रनाथ से भी संपर्क में रहे. यहीं से इनकी तलाश शुरू हुई. इनकी लोकेशन ग्वालियर मिली तो बीटा-2 थाने की टीम भेजी गई. देव शर्मा को ग्वालियर में मिल गया. देव से दिन में पूछताछ की तो उसने विशन, रोहित, सुभाष के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया. रात में फिर उसे लेकर ग्वालियर आए तो उसने घर में लूटे गए रुपए और गहने यहां छिपाए थे, यह बरामद हो गए.

ओला कैब बुक कर फंस गए आरोपी

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जब चारों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए तो देव के मोबाइल से हत्या वाली रात ओला कैब बुक की गई. जब ओला कैब के ड्राइवर अफरोज खान तक पहुंचे तो उसने बताया कि नोएडा के पास साकीपुर गांव रोड पर स्थित ब्लैक वर्ड गेस्ट हाउस से चार युवकों ने बुकिंग की थी. इन्हें ग्वालियर के गोला का मंदिर इलाके में छोड़ा था. गेस्ट हाउस से चारों के आधार कार्ड से पता निकाला और ग्वालियर के लिए टीम भेजी. यहां देव मिल गया तो पूरा राज खुल गया.

इतने रुपए के गहने और ब्लैंक चेक बरामद हुए

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास से एचडीएफसी, पीएनबी बैंक की पासबुक और सुमननाथ के हस्ताक्षर किए ब्लैंक चेक मिले. लाखों रुपए की छह एफडी, सुमननाथ के जेवर जिनकी कीमत करीब 15 लाख रुपए है, बरामद हुए. इनसे 13 हजार रुपए मिले, जो इन्हें हिस्से में मिले थे.





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