इस नए शहर में नहीं होंगे ट्रैफिक सिग्नल, निजी और कमर्शियल वाहन के लिए होगी अलग लेन– News18 Hindi

इस नए शहर में नहीं होंगे ट्रैफिक सिग्नल, निजी और कमर्शियल वाहन के लिए होगी अलग लेन– News18 Hindi


नोएडा. यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) के किनारे दो नए शहर बसने जा रहे हैं. यह दो नए शहर होंगे टप्पल-बाजना और नया वृंदावन. यमुना एक्सप्रेस डवलपमेंट अथॉरिटी (YEDA) यह दो नए शहर बसाने जा रही है. नए शहरों की डीपीआर तैयार करने के लिए आज 20 से ज़्यादा कंपनियां अपना प्रेजेंटेशन देने जा रही हैं. खास बात यह है कि नए शहरों में ऑफिस और फैक्ट्रियों के लिए भी जगह छोड़ी जा रही है. पर्यावरण (Environment) का खास ध्यान रखते हुए शहर में ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) न बनाने का फैसला भी लिया गया है.

यमुना अथॉरिटी अलीगढ़ में टप्पल के पास टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर के नाम से और मथुरा में राया के पास नए वृंदावन के नाम से शहर बसाने जा रही है. खास बात यह है कि नए शहर में बसने वाले लोगों को रोज़गार के लिए कहीं दूर न जाना पड़े और कारोबार भी अपने ही शहर में करने का मौका मिल जाए, इसके लिए अथॉरिटी नए शहर में ऑफिस, फैक्ट्री और दुकानों के लिए भी ज़मीन दे रही है.

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यह है नए शहर का प्लान

अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर को कुल 11104 हेक्टेयर जगह में बसाया जाएगा. लेकिन इसमें से 1794.4 हेक्टेयर ज़मीन बिजनेस करने के लिए छोड़ी जाएगी. यहां लॉजिस्टिक और वेयर हाउसिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा. वहीं 1608.3 हेक्टेयर ज़मीन आवासीय होगी. यह नया शहर सेक्टर 35 के पास बसाया जाएगा.

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मथुरा में राया के पास बसाया जाने वाले नया वृंदावन शहर पर्यटन के लिहाज से खासा खास होगा. यह शहर कुछ 9350 हेक्टेयर में बसाया जाएा. यही वजह है कि नए बसने वाले शहर में 731 हेक्टेयर जमीन पर सिर्फ पर्यटन जोन बनेगा. इसके साथ ही 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट डवलप करने की योजना है. यह यमुना नदी के किनारे होगा.

पर्यावरण के लिहाज से नए शहर में यह भी होगा खास

नए शहर में यमुना अथॉरिटी की योजना स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की है. स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा देने के लिए सड़कों पर निजी और कमर्शियल वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी. वहीं शहर में कोई ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं होगा. इतना ही नहीं नए शहरों से निकलने वाले सीवर के पानी को यमुना नदी में नहीं छोड़ा जाएगा. इस योजना को अंजाम देने के लिए सीवर के पानी को रिसाइकल किया जाएगा. वहीं रिसाइकल किए गए पानी को शहर की बागवानी के काम में लिया जाएगा.





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