मालवा का दिल कहे जाने वाले इंदौर-उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्रालय ने 2016-17 में इंदौर-देवास-उज्जैन रेल मार्ग के दोहरीकरण की घोषणा की थी. इसके लिए 700 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी. इसमें सिविल वर्क्स के साथ सिग्नलिंग विभाग,टीआरडी विभाग,इलेक्ट्रिक पावर विभाग और दूसरे विभागों के खर्च को शामिल किया गया था. 80 किलोमीटर के इस मार्ग का काम 2017-18 में शुरू भी हो गया. लेकिन दिसंबर 2020 में उज्जैन से कड़छा के बीच महज 15 किलोमीटर का काम ही पूरा हो पाया.65 किलोमीटर का काम बाकी है.
कांग्रेस ने कहा-शर्मनाक
मामला तब अटक गया जब इस बार के बजट में इसके लिए महज एक हजार रुपये जारी किए गए हैं. यही वजह है कि कड़छा से देवास के बीच चल रहे काम को ठेकेदार ने रोक दिया है.कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने कहा ये बहुत हास्यास्पद है कि इतनी बड़ी परियोजना के लिए मात्र 1 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं. बजट से पहले सांसद से लिखित में मांगा जाता है कि आपको अपने संसदीय क्षेत्र में क्या क्या सुविधाएं चाहिए.रेलवे समेत दूसरी योजनाओं की जानकारी मांगी जाती है.लेकिन इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने एक लाइन लिखकर नहीं दी.अब रेलवे की योजना के लिए 1 हजार रुपए आए हैं जो मिनी मुंबई इंदौर के लिए शर्मनाक है.ऐसे सांसद के रहते इंदौर क्या तरक्की करेगा.ये सिर्फ नालों में क्रिकेट खेल सकते हैं,फोटो सेशन कर सकते हैं, कबूतरों को दाना खिला सकते हैं लेकिन विकास नहीं करा सकते हैं.
इंदौर – उज्जैन रेल दोहरीकरण के काम में खर्चा
– सिविल वर्क्स पर 430 करोड़ रुपये
– सिग्नल एंड टेलीकॉम पर 101 करोड़ रुपये
– टीआरडी पर 129 करोड़ रुपये
– इलेक्ट्रिक पॉवर पर 18.5 करोड़ रुपये खर्च
रेल मंत्री से मिलेंगे सांसद
सांसद शंकर लालवानी इसे रेलवे के अधिकारियों की चूक बता रहे हैं. उनका कहना है जब उन्होने रेलवे अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इसे अपनी त्रुटि मान लिया है.दोहरीकरण का काम बंद नहीं होने दिया जाएगा.वे खुद देवास और उज्जैन के सांसदों के साथ जाकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात करेंगे.पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कार्यकाल में रेलवे में जितना काम हुआ,वो पिछले कई वर्षो में नहीं हुआ.उसी को हम आगे बढ़ा रहे हैं. इंदौर-उज्जैन लाइन के दोहरीकरण का काम भी इस साल पूरा हो जाएगा.
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3 साल में सिर्फ 15 किमी काम
बीजेपी सांसद कुछ भी दलील दें लेकिन जब पिछले 3 साल में सिर्फ 15 किलोमीटर की रेल लाइन का दोहरीकरण का काम पूरा हो पाया है तो 65 किलोमीटर का काम एक साल में कैसे पूरा होगा.वो भी तब जबकि ठेकेदार ने काम तक बंद कर दिया हो.माना ये जा रहा है कि इस काम को पूरा होने में अभी 5 साल का समय और लग जाएगा.हालांकि अब रेल मंत्रालय से चर्चा की जा रही है और जल्द ही अतिरिक्त बजट मिलने की बात भी कही जा रही है.