मैच के बाद विराट कोहली ने हार की वजह बताते हुए कहा कि भारतीय टीम का बॉडी लैंग्वेज और जुनून स्तरीय नहीं था. इस सपाट पिच पर पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों की पोल भी खुली. कोहली ने कहा, ‘तेज गेंदबाजों और अश्विन ने पहल पारी में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन साथ ही हमें रनों पर लगाम लगाने की जरूरत थी ताकि कुछ दबाव बनाया जा सके. यह धीमा विकेट था और गेंदबाजों को उस तरह की मदद नहीं मिल रही थी जिससे बल्लेबाजों ने आसानी से स्ट्राइक बदला. पहले दो दिनों में विकेट से गेंदबाजों के लिए कोई खास मदद नहीं थी.’ उन्होंने कहा कि एक गेंदबाजी यूनिट के तौर पर हमें उन्हें नियंत्रण में रखना चाहिए था. इंग्लैंड ने जो रूट के दोहरे शतक की बदौलत पहली पारी में 578 रनों का विशाल स्कोर बनाया था.
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भारतीय टीम पहले टेस्ट में तीन स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन, शाहबाज नदीम और वॉशिंगटन सुंदर के साथ उतरी थी. अश्विन ही सिर्फ इस पिच पर प्रभाव छोड़ पाए. शाहबाज नदीम ने जरूर चार विकेट लिए लेकिन इसके लिए उन्होंने 200 से ज्यादा रन खर्च तक डाले. वहीं सुंदर एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं रहे. कुलदीप यादव को टीम में शामिल नहीं करने पर भी कोहली की आलोचना हुई है. हालांकि कोहली को यादव को शामिल नहीं करने का कोई पछतावा नहीं है. विराट ने कहा, ‘हम मैच में दो ऑफ स्पिनरों (अश्विन और सुंदर) के साथ उतरे थे. ऐसे में यह संभव नहीं था कि इन दोनों के साथ कुलदीप यादव को उतारा जाए. फिर तो हमारे तीनों स्पिनर एक जैसे ही हो जाते. इसीलिए हमने तीसरे स्पिनर के तौर पर बाएं हाथ के स्पिनर को उतारा.’