इंतजार: चालू नहीं हुई सिटी बस, क्योंकि लॉकडाउन में बसें खड़ी रहीं तो ऑपरेटर ने नहीं खरीदी

इंतजार: चालू नहीं हुई सिटी बस, क्योंकि लॉकडाउन में बसें खड़ी रहीं तो ऑपरेटर ने नहीं खरीदी


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खंडवा12 मिनट पहले

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  • डेढ़ साल पहले खंडवा से इंदौर-ओंकारेश्वर इंटर सिटी बस शुरू हुई, फिर नहीं बढ़ी प्रक्रिया

शहर में डेढ़ साल पहले नगर निगम सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड लोक परिवहन सूत्र सेवा शुरू होने के बावजूद सिटी बस की सुविधा शहरवासियों को अब तक नहीं मिल पाई। पहले क्लस्टर में ठेकेदार बस ऑपरेटर ने खंडवा-इंदौर और खंडवा ओंकारेश्वर के लिए बसों की शुरुआत कर दी है। 2.72 करोड़ रुपए लागत वाले पहले क्लस्टर में कुल 10 बसें चलाई जानी थीं। इनमें चार मिडी बसें खंडवा से ओंकारेश्वर तक और चार स्टैंडर्ड बसें खंडवा से इंदौर तक चलाने के साथ ही शहर में दो मिनी बस चलाना प्रस्तावित था।

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में बसें खड़ी रहीं तो संबंधित बस ऑपरेटर ने मिनी बसें नहीं खरीदीं। अब मार्च तक शहर में एक रूट पर सिटी बस शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। वही, दूसरे व तीसरे क्लस्टर के लिए बार-बार टेंडर करने के बावजूद एक भी ठेकेदार ने बस नहीं खरीदी। टेंडर फार्म जमा करने के बाद समय पर बस संचालन शुरू नहीं करने पर दो ठेकेदारों की सुरक्षा निधि भी निगम राजसात कर चुका है।

पहले क्लस्टर में इस मार्ग पर प्रस्तावित है सिटी बस
शहर में पहले क्लस्टर में दो मिनी बस चीराखदान से माता चौक, इंदिरा चौक, पंडित माखनलाल चतुर्वेदी बस स्टैंड से केवलराम पेट्रोल पंप होते हुए घंटाघर, शिवाजी चौक होते हुए लाल चौकी से नागचून तक चलाई जाना प्रस्तावित है।

पीपीपी मोड: 40% राशि दी जानी प्रस्तावित है
सूत्र सेवा योजनांतर्गत पीपीपी मोड के माध्यम से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें निविदा फार्म जमा करने वाले बस ऑपरेटर को बसों की लागत पर 40 प्रतिशत राशि दी जानी प्रस्तावित है।

डिपो का नहीं किया विकास
सूत्र सेवा में बस संचालन के लिए क्लस्टर 2 व 3 के लिए ऑपरेटरों से निगम का अनुबंध नहीं होने से बस डिपो का विकास भी नहीं किया। दो साल पहले इसकी प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति ने दे दी थी। सूरजकुंड स्थित पुराने सपनि डिपो में कुछ सुधार निगम ने कराया, लेकिन व्यवस्थित विकास नहीं किया।

2 ऑपरेटरों की राजसात की राशि
^दूसरे क्लस्टर के लिए लॉकडाउन के कारण ऑपरेटर ने बसें नहीं खरीदी। टेंडर फार्म जमा करने के बाद अनुबंध नहीं करने वाले दो बस ऑपरेटरों की करीब दो-दो लाख रुपए की सुरक्षा निधि राजसात कर ली।
-अंतरसिंह तंवर, प्रभारी कार्यपालन यंत्री

मार्च में आ जाएगी मिनी बस
^कोविड के कारण शहर में मिनी बस चालू नहीं कर पाए। लोग बसों में बैठ नहीं रहे थे। अब स्थिति सामान्य हो रही है, इसलिए मार्च में दो बसें आ जाएंगी। इसे शहर के तय रूट पर चलाएंगे। -मनीष जैन, बस ऑपरेटर सूत्र सेवा



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