ई-टेंडर घोटाला: आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर स्थित आफिस से हार्ड डिस्क जब्त, भोपाल के 3 ठिकानों पर IT छापे की कार्रवाई पूरी

ई-टेंडर घोटाला: आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर स्थित आफिस से हार्ड डिस्क जब्त, भोपाल के 3 ठिकानों पर IT छापे की कार्रवाई पूरी


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Madhya Pradesh E Tender Scam; Aditya Tripathi Residence Raided By Income Tax In Bhopal Today

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग घोटाले में आरोपी आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर स्थित आफिस से इनकम टैक्स की इंवेस्टिगेशन विंग ने कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त की है।

  • हैदराबाद से आई इंवेस्टिगेशन विंग को ठेका लेने के एवज में बड़ी रकम की बंदरबांट किए जाने के प्रमाण मिले
  • दोनों आरोपियों की जमानत याचिका भी हैदराबाद की विशेष न्यायालय ने खारिज कर दी है

मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग घोटाले में आरोपी आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर स्थित आफिस से हैदराबाद से आई इनकम टैक्स की इंवेस्टिगेशन विंग की टीम ने कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त कर ली है। इस टीम ने 9 फरवरी को सुबह मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी और सहयोगी (सब कांट्रेक्टर) आदित्य त्रिपाठी के भोपाल स्थिति 3 ठिकानों पर छापा कार्रवाई शुुरू की थी, जो 10 फरवरी शाम 5 बजे पूरी हो गई है।
सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स की टीम ने मेंटाना कंपनी के अरेरा कॉलोनी स्थित गेस्ट हाउस के अलावा आदित्य त्रिपाठी के रोहित नगर में अर्नी इंफ्रा के ऑफिस व शाहपुरा स्थित घर पर छापा कार्रवाई की। जिसमें सरकारी ठेके लेने के एवज में बड़ी रकम की बंदरबांट किए जाने दस्तावेज हाथ लगे हैं। इससे पहले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी के प्रमाण मिले थे। इसी की जांच के लिए इनकम टैक्स की इंवेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी की।
बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी
जांच एजेंसी सूत्रों के मुताबिक आदित्य के सब कांट्रेक्टिंग से जुड़े दस्तावेजों में टैक्स चोरी के प्रमाण मिले है। दरअसल, ई टेंडर के जरिए ठेके लेने वाली कंपनियों ने बड़े पैमाने पर बोगस बिलिंग की थी। इसके जरिए करोड़ों रुपए की सप्लाई का इनपुट टैक्स रिबेट (ITC) ले लिया गया। इस आईटीसी से कंपनी करोड़ों रुपए की टैक्स देनदारी से बच गई।
हैदराबाद के 12 ठिकानों पर छापेमारी
मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी के चैयरमैन श्रीनिवास राजू के हैदराबाद में 12 ठिकानों में भी छापेमारी की गई थी। उससे जुड़ी कई कंपनियों के भी रिकाॅर्ड खंगाले जा रहे हैं। विभाग की जांच ईडी की कार्रवाई को ही आगे बढ़ा रहा है। क्योंकि ईडी केवल आपराधिक एंगल से ही मामले की जांच करता है। इनकम टैक्स और जीएसटी की चोरी के मामले बाद में संबंधित विभाग को ही दे दिया जाता है।
राजू व आदित्य को ED ने 21 जनवरी को किया था गिरफ्तार
इससे पहले ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने श्रीनिवास राजू और आदित्य त्रिपाठी को 21 जनवरी को हैदराबाद में गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच में बड़े पैमाने पर आयकर की चोरी के प्रमाण मिले थे। इसी की जांच के लिए आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग ने यह छापेमारी की थी। हैदराबाद की विशेष न्यायालय ने दोनों आराेपियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।
MP के पूर्व मुख्य सचिच गोपाल रेड्‌डी से हो चुकी है पूछताछ
मेटाना कंपनी पर मप्र सरकार के ठेकों में ऑनलाइन टेंपरिंग कर कई कंपनियों को फायदा पहुंचाने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। श्रीनिवास राजू के तार मप्र के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी से जुड़ने के कारण ईडी पहले पूछताछ कर चुकी है। ईडी की टीम ने 7 जनवरी को गोपाल रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास पर छापेमारी कर दस्तावेजों की छानबीन की थी।
क्या है मामला
मप्र का ई-टेंडरिंग घोटाला अप्रैल 2018 में उस समय सामने आया था जब जल निगम की तीन निविदाओं को खोलते समय कम्प्यूटर ने एक संदेश डिस्प्ले किया। इससे पता चला कि निविदाओं में टेम्परिंग की जा रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर इसकी जांच मप्र के EOW को सौंपी गई थी।
प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि जीवीपीआर इंजीनियर्स और अन्य कंपनियों ने जल निगम के तीन टेंडरों में बोली की कीमत में 1769 करोड़ का बदलाव कर दिया था। ई टेंडरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हुई है।



Source link