जर्जर क्वार्टर्स को खाली कर किया धराशायी: स्टेशन के बाहर बने पुराने मकान जमींदोज, बाकी एक-एक कर टूटेंगे

जर्जर क्वार्टर्स को खाली कर किया धराशायी: स्टेशन के बाहर बने पुराने मकान जमींदोज, बाकी एक-एक कर टूटेंगे


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जबलपुर10 घंटे पहले

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मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं. 6 के बाहर रेल परिसर में बने पुराने मकान मंगलवार को जमींदोज हो गए, अब अगले चरण में बाकी के बचे मकानों को एक-एक कर तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार आय के स्रोत बढ़ाने के लिए रेल प्रशासन प्लेटफॉर्म नं. 6 के बाहर कोच रेस्टाॅरेंट खोलने जा रहा है, जिसके लिए पुराने मकानों को तोड़कर वहाँ की जमीन पर रेस्टाॅरेंट को शुरू किया जाएगा।

वहीं इस बात को लेकर भी चर्चा है कि आने वाले दिनों में कुछ और मकानों-क्वार्टर्स को तोड़कर टाटा मेमोरियल को कैंसर हॉस्पिटल के लिए भूमि दी जाएगी। हालाँकि कैंसर हॉस्पिटल के बारे में रेल प्रशासन ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, क्योंकि टाटा के साथ किसी प्रकार का एमओयू साइन नहीं हो पाया है।

जमींदोज हुए मकान के बाजू से बने क्वार्टर में रहने वाले रेलकर्मी घनश्याम ने बताया कि एक सप्ताह में मकान खाली करने के लिए नोटिस मिल गया है, जिसके बाद मकान को रेल ठेकेदार द्वारा तोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेल क्वार्टर्स करीब 100 साल पुराने हैं, जिसमें कई पीढ़ियों से रेलकर्मी रह रहे थे। अब उन्हें क्वार्टर खाली करने के लिए नोटिस थमा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके जैसे कई लोग कई दशकों से इन रेल क्वार्टर्स में रह रहे थे, जिनकी जिंदगी ही यहीं गुजरी है। रेल क्वार्टर्स तोड़े जाने पर रेलकर्मी दु:खी हैं।

कीमती सामान स्टोर में जमा हो रहे, मलबा होगा नीलाम
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे के करीब एक दशक पुराने क्वार्टर्स को तोड़ने के दौरान सागौन की लकड़ी से बनी सामग्री को रेल स्टोर रूम में जमा किया जा रहा है। वहीं मलबे को एक जगह पर एकत्रित करने के बाद नीलाम किया जाएगा, जिससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी।

रेल आवासों को लेकर परहेज
सूत्रों का कहना है कि पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में रेल आवासों को लेकर रेल प्रशासन परहेज की नीति पर चल रहा है, जिसकी वजह से रेल कर्मचारी जर्जर और सुविधाहीन आवासों में रहने के लिए मजबूर हैं। रेल प्रशासन की नीतियों से जाहिर हो रहा है कि रेलवे अब रेल आवासों पर खर्च नहीं करना चाहता, इसलिए अब एक-एक कर पुराने मकानों काे तोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसकी खाली होने वाली जमीन को लीज पर देकर रेलवे अपनी आय काे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। रेल मजदूर संगठनों द्वारा कई बार रेल क्वार्टर्स को सुविधाजनक बनाने के लिए आंदोलन किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।



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