मेडिकल कॉलेज: आंख व टिशु ट्रांसप्लांट हो सकेगा, मानव अंग भी निकाल सकेंगे

मेडिकल कॉलेज: आंख व टिशु ट्रांसप्लांट हो सकेगा, मानव अंग भी निकाल सकेंगे


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रतलाम2 घंटे पहले

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  • ऑथराइजेशन कमेटी बनेगी, कॉलेज के अस्पताल के लिए मई तक हो जाएंगी सभी तैयारियां

स्वास्थ्य सुविधाओं में हमारा रतलाम एक लंबी छलांग लगाने वाला है। संभाग के पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब ट्रांसप्लांटेशन की तैयारी हो रही है। शुरुआत आंखों के ट्रांसप्लांट से होगी, इसके लिए इसी हफ्ते प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। ट्रांसप्लांटेशन कॉलेज के अस्पताल की शुरुआत के साथ ही होने लगेगा। जिम्मेदार मई तक अस्पताल को शुरू करने की बात कह रहे हैं। मेडिकल में आंखों के साथ ही टिशु ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा। इसे लेकर तैयारी तेज हो गई है। शुरुआत करने से पहले कॉलेज स्तर पर ही समीक्षा होगी, इसमें एनालिसिस किया जाएगा कि ट्रांसप्लांट करने के लिए क्या-क्या जरूरी है। इसके साथ ही कमियों को दूर किया जाएगा। यह काम एक सप्ताह में पूरा भी हो जाएगा। इसके बाद एक प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे।

रजिस्ट्रेशन का आवेदन होगा… ट्रांसप्लांट के लिए अभी रजिस्ट्रेशन नहीं

आंखों के ट्रांसप्लांट के साथ ही कॉलेज में मानव अंग निकालने के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आवेदन किया जाएगा। हालांकि अभी ट्रांसप्लांट के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। इसके लिए अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी बनने का इंतजार करना होगा। मानव अंग निकालने के रजिस्ट्रेशन मिलने का फायदा यह होगा कि अंगदान के मामलों में ये काम आएगा।

मेडिकल कॉलेज की मॉड्यूलर ओटी का काम पूरा, मशीनों के इंस्टॉलेशन के लिए इंजीनियरों का इंतजार
इधर, कॉलेज में ट्रांसप्लांट की शुरुआत अस्पताल शुरू होने के बाद ही होगी। मेडिकल कॉलेज में 750 बेड का अस्पताल लगभग तैयार है। मॉड्यूलर ओटी का काम लगभग पूरा हो गया है। हालांकि, अभी मशीनों का इंस्टॉलेशन होना बाकी है। कॉलेज में मशीन आ चुकी है, इंजीनियरों का इंतजार है। मई तक सभी काम पूरा हो जाएगा।

10 मॉड्यूलर ओटी… सिर से पैर तक की सर्जरी हो सकेगी
जी प्लस 4 मंजिला अस्पताल में 10 मॉड्यूलर ओटी रहेगी। सर्जरी, आर्थोपेडिक, गायनिक व ट्रामा की 2-2 तथा नेत्र, आंख-नाक, कान की 1-1 मॉड्यूलेटर ओटी बनी है। दांतों से जुड़ी सर्जरी ईएनटी ओटी में ही होगी। दुर्घटना के मामलों में हेड (सिर) टू टो (पैर के अंगूठे) तक की सारी सर्जरी हो सकेगी। अभी इसके लिए इंदौर, वडोदरा जाना पड़ता है।

इस सप्ताह कमियों को दूर करेंगे
^आंखों और टिशु ट्रांसप्लांट की तैयारी कर रहे हैं। इस सप्ताह कमियों को दूर कर प्रस्ताव भेजेंगे। मेडिकल कॉलेज का काम भी तेजी से हो रहा है। मई तक पूरा हो जाएगा।
डॉ. शशि गांधी, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम​​​​​​​



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